प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले कुछ महीनों में कई पीएम ग्राम सड़क योजना परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हिमाचल प्रदेश में किया। लेकिन पीएम मोदी द्वारा किये गए इस कार्य से भी जनता को अभी कुछ मलाल है। कई शहरों में अभी बुनियादी दिक्कतें दूर नहीं हुईं हैं। कुछ ऐसा ही हाल मंदिरों के शहर चंबा में हैं और इसको लेकर वोटर्स के बीच गुस्सा भी है।
चंबा निवासी प्रेम लाल ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “भाजपा सरकार के कार्यकाल के अंत में पीएम मोदी ने अचानक हमें याद किया और यहां कुछ सड़क और मरम्मत परियोजनाओं का उद्घाटन किया। लेकिन हम उन खतरनाक सड़कों से पांच साल से निपट रहे हैं।”
चंबा के प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर के पास एक दुकान के मालिक प्रेम लाल इस लोकप्रिय हिमाचली लोक गीत की विडंबना को याद करते हैं, जो मंदिर शहर का जश्न मनाता है। प्रेम लाल कहते हैं, “भले ही यह गाना सभी को चंबा आने के लिए आमंत्रित करता है, लेकिन यहां तक पहुंचना एक असंभव काम है। सड़कें विश्वासघाती हैं। फिर कुछ और भी हैं जहां कोई सड़क नहीं है, बस कीचड़ है।”
मंदिर के पास एक स्टेशनरी स्टोर के मालिक ने खुद की पहचान न छापने की शर्त पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि कम से कम पीएम मोदी के आने से कुछ सड़कें सही हो गईं। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा भाजपा को वोट दिया है, लेकिन इस बार कैसे कर सकते हैं। यहां तक कि एक गैस सिलेंडर की कीमत भी 1100 रुपये है। हम अपना घर कैसे चलाते हैं? ऐसी एक भी समस्या नहीं है जिसका सामना चंबा नहीं कर रहा है।” हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी बागियों से परेशान है।
इस शहर में बढ़ती कीमतों के अलावा, गांव की खराब सड़कों, खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी, सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति, प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की अनुपस्थिति जैसे मुद्दे हैं। लोग बताते हैं कि किस तरह लगातार सरकारें जिले की प्राकृतिक सुंदरता, प्राचीन वास्तुकला और विरासत संरचनाओं के बावजूद शिमला या कसौली के मुकाबले चंबा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में विफल रही हैं।
चंबा नगर परिषद के एक अधिकारी ने कहा कि बहुत सी चीजें उनके हाथ में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कई विरासत स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकार क्षेत्र में हैं, जो छेड़छाड़ के मामले में उल्लंघन करने वालों को नोटिस जारी करता है।
