Himachal Pradesh Assembly Election: हिमाचल प्रदेश में शनिवार (12 नवंबर 2022) को मतदान होने हैं। आत्मविश्वास से भरी भाजपा ने ने जहां विद्रोहों को हैंडल किया जबकि कांग्रेस को कई सीएम चेहरों और उनके समर्थकों की लॉबी की समस्या का सामना करना पड़ा।

भाजपा के लिए पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी ने कई यात्राएं की थीं। प्रधानमंत्री ने वहां बिलासपुर में एक वंदे भारत ट्रेन और एम्स का उद्घाटन किया। चुनाव से पहले पार्टी के अभियान को गति देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की घोषणा करने के लिए कई निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया था।

चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद भाजपा ने सभी 68 निर्वाचन क्षेत्रों में रैलियों का आयोजन कर 30 अक्टूबर से अभियान शुरू किया था, जिसे ‘विजय संकल्प अभियान’ का नाम दिया गया। इसमें पांच केंद्रीय मंत्री, तीन मुख्यमंत्री और हिमाचल और अन्य राज्यों के चार कैबिनेट मंत्रियों के अलावा राज्य भाजपा इकाई के नौ सदस्य शामिल थे।

बीजेपी का ध्यान राष्ट्रीय मुद्दों पर: भारतीय जनता पार्टी ने अपने अभियान में राष्ट्रीय मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया, जिसमें राज्य की सड़कों और राजमार्गों पर लगे पोस्टरों में पीएम मोदी की तस्वीर दिखाई दे रही थी, यहां तक ​​कि सीएम जयराम ठाकुर भी कई होर्डिंग्स में गायब हो गए। जिनमें राष्ट्रीय योजनाओं के लाभों को बताया गया गया था जैसे कि स्वास्थ्य मिशन और आर्टिकल 370 को निरस्त करना।

भाजपा ने राम मंदिर और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे राष्ट्रीय मुद्दों पर जोर दिया। पार्टी ने अपने घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता को लागू करने और वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के मूल्यांकन का भी वादा किया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हिमाचल प्रदेश में 15 रैलियां की।

कांग्रेस ने राज्य स्तर के नेताओं पर जताया भरोसा: भाजपा ने पार्टी के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कई सीनियर नेताओं की ताकत का इस्तेमाल किया, जबकि कांग्रेस ने ज्यादातर राज्य स्तर के नेताओं पर भरोसा किया। राहुल और सोनिया गांधी दोनों को हिमाचल चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया था, लेकिन दोनों में से किसी ने भी राज्य की यात्रा नहीं की। इसके बजाय, AICC महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कई यात्राओं के साथ कांग्रेस के अभियान का नेतृत्व किया।

कांग्रेस के लिए प्रियंका गांधी के अलावा नवनियुक्त कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और राज्य के नेता जिनमें एचपीसीसी प्रमुख प्रतिभा सिंह, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री और एचपीसीसी के पूर्व प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू चुनाव अभियान के प्रमुख चेहरे रहे।

राज्य के साथ जुड़ाव पर जोर: पीएम मोदी और प्रियंका गांधी दोनों ने राज्य के साथ अपने जुड़ाव पर जोर दिया। कई भाषणों में प्रधानमंत्री ने याद किया कि कैसे वह जब भाजपा के हिमाचल प्रभारी थे तो राज्य की सड़कों पर घूमते थे। वहीं, प्रियंका ने सोलन में एक रैली के साथ कांग्रेस के अभियान की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने राज्य के लिए इंदिरा गांधी के योगदान की बात की और कहा कि उन्होंने इसके साथ परिवार के संबंधों का सम्मान करने के लिए यहां एक घर बनाया था।