झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 3 जनवरी को विधायक दल की बैठक बुलाई है। ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है। बुधवार को शाम 4.30 बजे रांची के कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में यह बैठक बुलाई गई है। हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब तक 7 नोटिस भेज चुका है और उन पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
माना जा रहा है कि अगर आगे भी हेमंत सोरेन ED की पूछताछ में शामिल नहीं होते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। ऐसे में हेमंत सोरेन पहले ही अपनी पत्नी को राज्य की गद्दी सौंप सकते हैं।
विधायक सरफराज अहमद से लिया गया इस्तीफा
सोरेन की पार्टी ने अपने विधायक सरफराज अहमद से इस्तीफा भी ले लिया है। सरफराज अहमद गांडेय क्षेत्र से विधायक थे। हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन अभी विधानसभा की सदस्य नहीं हैं। ऐसे में अगर वह राज्य की कमान संभालती हैं तो उन्हें 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले 6 महीने के अंदर गांडेय विधानसभा सीट पर चुनाव होगा और यहां से कल्पना सोरेन लड़ेंगी।
पूरे घटनाक्रम पर बीजेपी की नजर
इस पूरे घटनाक्रम पर बीजेपी की भी नजर है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी का उदाहरण दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “झारखंड में भी बिहार के जंगल राज के ज़माने का इतिहास दुहराने का प्रयास हो रहा है। चारा घोटालेबाज़ लालू प्रसाद जी के सारे पैंतरे फेल हो गये तो राबड़ी देवी को ‘खराऊ मुख्यमंत्री’ बनाकर लालू जी जेल चले गये। एक के बाद एक सजा हुई। जेल जाते-आते उनकी पूरी उम्र निकल गयी।”
बाबूलाल मरांडी ने एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “राज्य में संविधान का मजाक उड़ाया जा रहा है। सीएम जेल जाने से पहले पत्नी को सीएम बनाना चाहते हैं। अब राज्य में उप चुनाव नहीं हो सकता।राज्य की बदलती राजनीतिक परिस्थितियों में राज्यपाल विधिवेत्ताओं के परामर्श से विधिसम्मत निर्णय लें ताकि संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हो सके।”