देश भर के जाट नेताओं ने रविवार (20 जनवरी, 2019) को आगामी लोकसभा चुनाव में तब तक भाजपा की हार का आह्वान किया जब तब उनकी आरक्षण की मांग पूरी नहीं हो जाती। ऑल इंडिया जाट आरक्षण बचाओ महा आंदोलन (AIJABMA) के बैनर तले इकट्ठा हुआ उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और मध्यप्रदेश से आए लोगों ने कहा कि सरकार ने जाट समुदाय की आरक्षण की मांग नहीं मानकर उनके समुदाय के साथ धोखा किया, जबकि सवर्ण जाति को सात दिन के अंदर दस फीसदी आरक्षण दे दिया गया।
आरक्षण के लिए जाट आंदोलन के लगभग तीन साल बाद हरियाणा में हिंसा हुई और करीब तीस लोगों की जान चली गई। अब यूपी से आए जाट समुदाय के नेताओं ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में वो अपने समुदाय से राज्य में मायावती को वोट करने के लिए कहेंगे। चूंकि बसपा प्रमुख मायावती ही एकमात्र ऐसी लीडर हैं जिन्होंने जाट समुदाय को आरक्षण दिए जाने का समर्थन किया। नेताओं ने कहा कि मायावती ने हरियाणा में साल 2016 के आंदोलन में जाटों के खिलाफ सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की आलोचना की थी।
AIJABMA के चीफ कोऑर्डिनेटर धर्मवीर चौधरी ने दिल्ली में एक प्रेस के दौरान कहा, ‘यूपीए सरकार ने केंद्र की नौकरियों में हमें आरक्षण दिया। मगर सुप्रीम कोर्ट में जब इसे चुनौती दी गई तब वर्तमान एनडीए सरकार ने जानबूझकर हमारे केस में अच्छी बहस नहीं की और सरकारी आदेश की धज्जियां उड़ाई गईं। इसके बाद से नरेंद्र मोदी हमें सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। मैं सरकार को चेतावनी देता हूं कि जाटों संग अब चालाकी नहीं चलेगी। हम उन 131 चुनावी क्षेत्रों में प्रचार करेंगे जहां जाटों की भाजपा को हराने के लिए महत्वपूर्ण आबादी है।’
चौधरी ने बताया कि उनके संगठन ने अपने समुदाय से कहा कि वो अपने सांसदों का जूतों से स्वागत करें क्योंकि संसद में वो जाट आरक्षण का मुद्दा उठाने में नाकाम रहे। धर्मवीर चौधरी के मुताबिक केंद्र ने साल 2015 में भाजपा नेता एम वेंकैया नायडू के नेतृत्व में जाट आरक्षण के लिए एक समिति बनाई थी, लेकिन समिति उनसे एक बार भी नहीं मिली। जाट नेताओं ने कई मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अक्ष्यक्ष अमित शाह के समक्ष इस मुद्दे को उठाया। इसमें मार्च 2015 में पीएम के साथ हुई मीटिंग भी शामिल है। यूपी चुनाव से ठीक पहले जाट नेताओं और भाजपा अध्यक्ष की मीटिंग भी हुई थी।
AIJABMA के चीफ कोऑर्डिनेटर ने बताया, ‘प्रधानमंत्री अपने आवास पर 26 मार्च, 2015 को हमसे मिले थे। उन्होंने कहा कि हम बहादुर समुदाय हैं और हम आपको उचित तरीके से आरक्षण देंगे। यूपी चुनाव से पहले अमित शाह ने कहा कि वो हमें आरक्षण देंगे और जाट समुदाय भाजपा के पक्ष में वोट करे। मगर इस बारे में भाजपा ने बात नहीं की।’