हरियाणा के शहर फरीदाबाद मनोज वाधवा इन दिनों सड़कों पर गड्ढों को भर रहे हैं। उनका कहना है कि शहर में कई जगह टूटीं सड़कों और गड्ढों की वजह से रोजाना हादसे हो रहे हैं। प्रशासन इसको ठीक करने में नाकाम रहा है। कई जगह सड़कें वर्षों से नहीं बनी हैं। जहां बनती भी हैं, वहां घटिया काम कराने से जल्दी ही टूट जाती हैं। ऐसे में यह काम खुद करने का निर्णय लिया।

दिल्ली आगरा हाइवे पर हुआ था हादसा: मनोज दूरसंचार विभाग में इंजीनियर हैं। उन्होंने बताया कि छह साल पहले 10 फरवरी 2014 को गड्ढों की वजह से उन्होंने दिल्ली आगरा हाइवे पर एक हादसे में अपने तीन साल के बेटे पवित्र को खो दिया था। उन्होंने कहा कि अगर वह जीवित होता तो आज नौ साल का होता। कहा कि प्रशासन की लापरवाही और नकारेपन की वजह से उन्होंने एक बेटा खोया है। लेकिन दूसरों के बच्चों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़े, इसलिए खुद सड़क को ठीक करने में जुटने का निर्णय लिया।

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जहां गड्ढा होता है वहां वह टीम के साथ पहुंच जाते हैं: उन्होंने बताया कि सड़क के गड्ढों को कैसा भरा जाए इसके लिए उन्होंने कुछ ट्यूटोरियल्स पढ़ने के अलावा इस तरह के काम से जुड़े रहे मुंबई के पॉटहोल वॉरियर्स और बेंगलुरु के पैथहोल राजा जैसे संस्थानों से मदद ली। सड़क पर जिस जगह पर गड्ढा होता है उसे चिन्हित करने के बाद वह अपनी टीम के साथ पहुंचकर सफाई करते हैं और उसको भरते हैं।

लापरवाह एजेंसी के खिलाफ कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं: वाधवा ने बताया कि उनके बेटे की मौत सरकारी एजेंसियों की लापरवाही से हुई है। वो राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआई) के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। वो चाहते हैं कि जिन लोगों की लापरवाही की वजह से उनके बेटे की जान गई उनकी जिम्मेदारी तय हो और उन्हें सजा मिले। कहा कि वह इस काम को करके ही रहेंगे।