हरियाणा के हिसार में एक खाप पंचायत ने डेयरी किसानों से केंद्र सरकार के कृषि कानूनों और ईधन की उच्च कीमतों के विरोध में सरकारी सहकारी समितियों को 100 रुपये प्रति लीटर में दूध बेचने का आग्रह किया। यह अपील हिसार के नारनौंद में आयोजित सतरोल खाप की बैठक में की गई।
बैठक की अध्यक्षता उसके प्रमुख रामनिवास ने की। खाप पंचायत के एक नेता फूल कुमार पेटवार ने कहा कि डेयरी किसानों को एक मार्च से बढ़े हुए दामों पर दूध बेचने के लिए कहा गया है। हालांकि, उन्होंने आम लोगों की समस्या का निवारण करने की बात कहते हुए कहा कि बाकियों को 55 से 60 रुपये प्रति लीटर की दर में दूध मिलता रहेगा।
उन्होंने कहा, “खाप ने आज एक निर्णय लिया, जिसमें हमने किसानों को सरकारी सहकारी समितियों को 100 रुपये प्रति लीटर की दर से दूध बेचने के लिए कहा है। आम आदमी के लिए, यह 55 रुपये से 60 रुपये प्रति लीटर के बीच बेचा जाएगा।” पेटवार ने कहा, “हम सरकार को जगाना चाहते हैं। उन्हें कृषि कानूनों को रद्द करना चाहिए और ईंधनों की कीमतें कम करनी चाहिए।’’ पेटवार ने आरोप लगाया कि सरकार अभी भी किसानों की नहीं सुन रही।
कृषि कानून के विरोध में अपनी ही फसलों को नष्ट करने लगे हैं किसान: बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। आलम यह है कि अब कई जगहों से गुस्साए किसानों द्वारा अपनी ही फसल नष्ट करने की खबरें सामने आने लगी हैं। एक दिन पहले ही उत्तराखंड के काशीपुर में दो किसानों ने अपनी गेहूं और मूली-मेथी की फसलों को ट्रैक्टर से रौंद दिया।
दो दिन पहले ही यूपी के मेरठ स्थित रोहटा में एक किसान ने अपनी 10 बीघा गेहूं की फसल जोत डाली थी। पहले भी मेरठ में एक अन्य किसान ने 12 बीघा फसल नष्ट की थी। इन सभी की मांग थी कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी को सुनिश्चित करे।