हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज से पहले सिर फोड़ने का आदेश देने वाले एसडीएम के बयान पर जिले के डीएम ने माफ़ी मांगी है। डीएम के द्वारा माफ़ी मांगने के बावजूद किसानों का गुस्सा कम नहीं हुआ है और किसानों ने एसडीएम को बर्खास्त करने की मांग की है। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा में चल रहे किसान आंदोलन के बीच हो रही हिंसक झड़प को लेकर पंजाब की कैप्टन सरकार को दोषी ठहराया है।  

करनाल के डीएम निशांत कुमार यादव ने समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कहा कि कुछ शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए था। करनाल प्रशासन के प्रमुख होने के नाते मैं खेद व्यक्त करता हूं। उस दौरान ड्यूटी पर तैनात रहे एसडीएम आयुष सिन्हा काफी जिम्मेदार अफसर हैं। उन्होंने उस समय कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया, जो उन्हें नहीं करना चाहिए था। लेकिन उनकी मंशा गलत नहीं थी।

एसडीएम की गलती पर डीएम के द्वारा माफ़ी मांगने के बावजूद किसानों का गुस्सा कम नहीं हुआ है। किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में आयोजित किसान महापंचायत के दौरान मौजूद रहे किसानों ने कहा कि माफ़ी से काम नहीं चलेगा। बल्कि उनको नौकरी से बर्खास्त किया जाए और दूसरे दोषी पुलिस अधिकारियों को भी सस्पेंड किया जाए। लाठीचार्ज करके माफ़ी मांगना किसी तरह का न्याय नहीं है।

वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा के वायरल हो रहे वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अधिकारी के भाषा का चयन ठीक नहीं था और उनको ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था। लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि सख्ती नहीं करनी चाहिए थी। साथ ही उन्होंने करनाल एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की उठ रही मांग पर कहा कि इस मुद्दे पर डीजीपी को अपनी जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसके बाद ही किसी भी पक्ष के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इसके अलावा उन्होंने हिंसक झड़प के लिए पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया। मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा में चल रहे आंदोलन के पीछे पंजाब सरकार का हाथ है। नहीं तो पिछले दिनों किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को मिठाई नहीं खिलाते। साथ ही उन्होंने कहा कि सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर बैठे 85% लोग पंजाब से हैं और वे ही इस आंदोलन को चला रहे हैं।

 

हालांकि रविवार को भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करनाल में हुए लाठीचार्ज में पुलिस का बचाव किया था। मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि किसानों ने पहले शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का वादा किया था। अगर वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते तो इससे किसी को आपत्ति नहीं होती। लेकिन अगर पुलिस पर पथराव करेंगे और राजमार्ग अवरुद्ध करेंगे तो पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम तो उठाएगी।

करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने सोमवार को एक महापंचायत बुलाई. करनाल में हुए इस किसान महापंचायत में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी और लोगों में लाठीचार्ज को लेकर काफी आक्रोश भी दिखा। किसान नेताओं ने सिर फोड़ने का आदेश देने वाले एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ज्ञात हो कि शनिवार को करनाल में बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज में 36 से ज्यादा किसान घायल हो गए थे और कईयों को गंभीर चोटें आई थी।