Haryana: हरियाणा के रोहतक जिले में 102 साल के बुजुर्ग शख्स ने खुद को जिंदा साबित करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया। शख्स ने बकायादा अपनी बारात निकाली और रथ में सवार होकर बैंड बाजे के साथ अधिकारियों के समक्ष पहुंचे। इन बुजुर्ग का नाम दुली चंद है जिन्होंने प्रदेश सरकार की ओर से मृत घोषित किए जाने के बाद यह कदम उठाया।

हरियाणा के गांधरा गांव निवासी दुलीचंद को मृत घोषित कर उनकी पेंशन बंद कर दी गई। परेशान 102 वर्षीय बुजुर्ग पिछले कई महीनों से विभाग के चक्कर काटते रहे, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। जिसके बाद उन्होंने विभाग के सामने अपनी सच्चाई सामने लाने का एक ऐसा तरीका निकाला जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

6 महीने से ऑफिस के चक्कर काट रहे थे: जानकारी के अनुसार, अपनी पेंशन बनवाने के लिए दुलीचंद पिछले करीब 6 महीने से दफ्तर के चक्कर काट रहे थे लेकिन अधिकारी लगातार उनसे उनके जिंदा होने का सबूत मांगते रहे। इससे परेशान होकर बुजुर्ग ने अपनी बारात निकाली। दुली चंद बकायदा रथ में सवार हुए और बैंड बाजे के साथ सरकारी अधिकारियों के सामने पहुंचे।

निकाली अपनी बारात: दुली चंद ने एक दूल्हे की तरह नोटों की माला पहनी और रोहतक शहर में मानसरोवर पार्क से नहर विश्राम गृह तक अपनी बारात निकाली। इस दौरान उनके हाथ में एक बड़ा सा बोर्ड भी था जिस पर लिखा था, “थारा फूफा अभी जिंदा है (102 साल)।” दुलीचंद की इस बारात का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है।

दुली चंद ने राज्य सरकार से उनकी पेंशन फिर से शुरू किये जाने की मांग की। मामले की जानकारी देते हुए दुलीचंद ने बताया, “मेरी आखिरी पेंशन 2 मार्च 2022 को आई थी। इसके बाद समाज कल्याण विभाग ने मुझे मृत बताकर मेरी समाजिक सुरक्षा पेंशन बंद कर दी। मैंने पेंशन दोबारा से चालू कराने के लिए कई दिनों तक कार्यालय के चक्कर लगाए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। दफ्तर के लोग बस इधर से उधर भेजे जा रहे थे। वो कहते थे पहले अपने जिंदा होने का सबूत लेकर आओ तभी पेंशन दोबोरा से चालू होगी। लोग आ गया तुम्हारा ताऊ अब बोलो।”