‘हां हम बिहारी हैं जी’ गीत के जरिए बिहार की सियासत को साधने की तैयारियां भारतीय जनता पार्टी व सहयोगी दलों ने की है। बिहार में होने वाली छोटी- छोटी नुक्कड़ सभाओं और रैलियों में इस गाने की गूंज सुनाई देगी। यह गाना भोजपुरी गायक व उत्तर पूर्व दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने गाया है। इस गीत में छठ पूजा से लेकर केंद्र सरकार की नीतियों को आम जनता के बीच तक ले जाने की कोशिश की गई है। वे खुद इन दिनों बिहार चुनाव प्रचार में इस गाने का प्रयोग कर रहे हैं।

बिहार में आने वाले दिनों इस गीत की गूंज और तेज सुनाई देगी। मनोज तिवारी ने बताया कि इस गाने को केंद्र सरकार की नीतियों और बिहार में हुए सुधार कार्यों के आधार पर तैयार किया गया है। अब दोबारा चुनाव होने के बाद बिहार में सरकार बनने पर आम जनता तक कैसे योजनाएं आसानी से पहुंची हैं और भविष्य में केंद्र सरकार की योजनाओं से माता-बहनों और युवाओं को किस प्रकार के लाभ मिलने वाले हैं, ये योजनाएं ही इस गीत का आधार है। गीत का मुख्य मुखड़ा है, ‘हां हम बिहारी हैं जी, थोड़ा संस्कारी हैं जी’।

पूर्वांचल से जुड़े नेता हैं मनोज तिवारी

इसमें जनता से मोदी – नीतीश के साथ कदम बढ़ाने की अपील की गई है और चिराग पासवान को भी इस गीत का हिस्सा बनाया है ताकि पूरे गठबंधन की सीटों पर इस गाने की गूंज सुनाई दे सके। गीत के माध्यम से आम जनता को यह यह बताने की कोशिश की गई है कि बिहार से आने वाले लोग माटी को भी सोना कर देंगे।

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इसमें कहा गया है कि अगले चाणक्य जैसे सौ- सौ पर भारी हैं और हम संस्कारी हैं। मनोज तिवारी खुद पूर्वांचल से जुड़े नेता हैं और दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों के बीच अपनी विशेष जगह रखते हैं। उनके विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में पूर्वांचल के मतदाता हैं और बीते कई दिनों से मनोज तिवारी छठ पर्व की तैयारियों में आम जनता के साथ लगे हैं। इसके अलावा लोगों से बिहार में रह रहे परिवारों से इस बार के चुनाव में भाजपा और सहयोगी दलों को जोड़ने की पहल भी कर रहे हैं। बतौर प्रमुख प्रचारक मनोज तिवारी इन दिनों लगातार बिहार के चुनाव प्रचार में जुटे हैं। रविवार को ही तिवारी ने बैकुंठपुर गोपालगंज से भाजपा उम्मीदवार मिथलेश तिवारी के लिए प्रचार किया और भाजपा व सहयोगी दलों के लिए मतदान करने की अपील की।

विपक्ष का हथियार बना है, ‘वोट चोर- गद्दी छोड़’ : बिहार में इस समय विपक्ष के पास सबसे बड़ा नारा ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ जुमलेबाज और राजग के राज में गुंडाराज है। खुद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी यात्रा के दौरान इस नारे का प्रयोग किया था। अब सभाओं व यात्राओं में विपक्षी गठबंधन के सहयोगी दल इन्हें अपने हथियार के तौर पर प्रयोग कर रहे हैं और आम जनता से सरकार की नाकामियों के आधार पर इस बार सरकार बदलने की अपील करते नजर आ रहे हैं।

इसी चरण में अब तक विपक्षी दल कई राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित कर जनता के बीच तक ये पहल ले जाने की अपील कर चुके हैं।