Haryana Politics: इस साल मार्च में गुरुग्राम नगर निगम चुनावों में राज रानी मल्होत्रा ने जीत हासिल की थी। उसके बाद से वो राजनीतिक चर्चाओं से गायब थीं लेकिन अब अपने एक फैसले को लेकर विवादों में आ गई हैं। उन्होंने अपने पति को ही अपने सलाहकार के पद पर नियुक्त किया है, जिसको लेकर कांग्रेस बीजेपी पर भड़क गई है।

राज रानी मल्होत्रा द्वारा पति तिलक राज मल्होत्रा को मेयर सलाहकार नियुक्त करने को लेकर कांग्रेस ने आलोचना की है। इससे स्थानीय शासन में महिलाओं का राजनीतिक स्थान और कम हो जाएगा। मेयर को लेकर विवाद ज्यादा बड़ा इसलिए भी हो गया है क्योंकि उन पर आरोप लगा है कि उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर ओबीसी कोटे से मेयर चुनाव लड़ा था।

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नगर निगम कमिश्नर ने जारी किया आदेश

बता दें कि 21 अप्रैल को गुड़गांव नगर निगम आयुक्त अशोक गर्ग द्वारा एक आदेश जारी किया गया, जिसमें तिलक राज को राज रानी का “सलाहकार” नियुक्त किया गया था। । इसके साथ ही यह भी कहा गया था कि गुरुग्राम नगर निगम के महापौर से प्राप्त अनुरोध के अनुसार की गई नियक्ति है।

आयुक्त के आदेश में कहा गया है कि तिलक राज सलाहकार क्षमता में कार्य करेंगे और महापौर द्वारा समय-समय पर उन्हें सौंपे जाने वाले मामलों में उनकी सहायता करेंगे। इसमें यह भी कहा गया कि नियुक्ति पूरी तरह से मानद और स्वैच्छिक प्रकृति की है।

कांग्रेस ने उठाए सवाल

राज्य कांग्रेस नेता पर्ल चौधरी ने कहा कि यह कदम भारतीय संविधान का मज़ाक है। आदेश जारी करने वाले गुरुग्राम नगर निगम आयुक्त के अधिकार पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि जब आप महिलाओं को राजनीतिक स्थान देते हैं, तो उन्हें भाग लेने में सक्षम होने की शक्ति भी होनी चाहिए। क्या उन्हें अपने कई पार्टी कार्यकर्ताओं में से मेयर के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिला। उन्होंने किसी ऐसे व्यक्ति को क्यों चुना जो अपने पति को सलाहकार बनाएगी? क्या होगा अगर उनके पति की पहुंच आधिकारिक फाइलों तक हो जाए।

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केंद्र सरकार ने भी लिया संज्ञान

बता दें कि पूरे देश में पुरुष रिश्तेदारों द्वारा महिला नेताओं की शपथ लेना या उनकी ओर से काम करना एक समस्या है। यह समस्या सबसे ज्यादा पंचायत स्तर पर देखने को मिलती है। यहा उन्हें प्रधान पति या सरपंच पति के तौर पर जाना जाता है।

इस मुद्दे को केंद्र सरकार ने भी उठाया है। फरवरी में पंचायती राज मंत्रालय द्वारा गठित एक पैनल ने देश भर की पंचायतों में “प्रधान पति”, “सरपंच पति” या “मुखिया पति” की प्रथा को रोकने के लिए दंड की सिफारिश की थी।

मेयर चुनाव में राज रानी ने दी थी कांग्रेस

बता दें कि राज रानी के पति तिलक राज मल्होत्रा ​​के प्रारंभिक जीवन, शिक्षा या राजनीति से पहले के करियर के बारे में विस्तृत जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है, लेकिन उनके परिवार का आरएसएस के साथ लंबा संबंध रहा है। गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा के मंत्री राव नरबीर सिंह जैसे दिग्गजों से विचार-विमर्श के बाद ने बीजेपी ने बंटी हुई जनसांख्यिकी वाले शहर में वोटों को एकजुट करने के लिए उनकी पंजाबी ओबीसी पहचान पर भरोसा किया था और उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया था।

2 मार्च को हुए चुनाव में मल्होत्रा ​​ने कांग्रेस की सीमा पाहुजा को लगभग 1.5 लाख वोटों के अंतर से हराया, जो दो बार पार्षद रह चुकी हैं। मल्होत्रा ​​का अभियान लगातार जारी रहा, जिसमें प्रतिदिन 30 से 40 बैठकें, हाउसिंग सोसाइटी में प्रचार और सोशल मीडिया पर जोरदार प्रचार शामिल था।