मध्य प्रदेश के इंदौर में एक बड़े जीएसटी घोटाले का खुलासा हुआ है। मध्य प्रदेश पुलिस की साइबर सेल और सीजीएसटी इंदौर ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए गुजरात से पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, ये सभी लोग 700 करोड़ रुपए से अधिक का जीएसटी फ्रॉड करने वाले गैंग का हिस्सा है। इनमें से दो आरोपियों को सीजीएसटी पुलिस ने रिमांड पर लिया है जबकि अन्य तीन सदस्यों को साइबर सेल पुलिस की ओर से गिरफ्तार किया गया है।

गौरतलब है, कुछ दिनों इंदौर के  सीजीएसटी कार्यालय की ओर इनपुट के आधार पर पुलिस की साइबर सेल  को एक शिकायत दर्ज कराई गयी, जिसमें कहा गया था कि फर्जी जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का बनाने वाला एक गैंग काम रहा है, जो फर्जी कंपनियों के जरिए टैक्स क्रेडिट का लाभ ले रहा है।

अधिकारियों की ओर से बताया गया कि गैंग की ओर से इस फ्रॉड को अंजाम देने के लिए 500 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाई गई थी। इन कंपनियों को खोलने के लिए उपयोग किये गए सभी दस्तावेज भी फर्जी थे। फर्जी कंपनियों द्वारा जारी फेक इनवॉइस के जरिए, ये गैंग अब तक 700 करोड़ रूपए से अधिक के इनपुट टैक्स क्रेडिट का फ्रॉड कर चुका है।

इंदौर साइबर सेल में इंस्पेक्टर राशिद खान ने बताया कि “सभी आरोपी पारंपरिक बैंकिंग चैनलों को छोड़कर डिजिटल वॉलेट का उपयोग करते थे, जिससे फ्रॉड की जानकारी सरकारी एजेंसियों को न लगें।”

गिरफ्तार की किए गए सभी आरोपी न इंदौर की ही नहीं बल्कि देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों का नाम इस्तेमाल करते थे। आरोपियों ने फ्रॉड के लिए फर्जी नाम, पता और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया है। वहीं, अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में केवल 100 करोड़ रुपए का फ्रॉड होने की जानकारी मिली थी, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती गई तो यह आंकड़ा 700 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।

आरोपियों को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक,आरोपियों के पास से फ्लैट से  मोबाइल फोन, सिम कार्ड, दस्तावेज, कई कंपनियों की फर्जी सील और फर्जी लेटर पैड मिला है। सभी आरोपियों की 25-35 वर्ष के बीच है।