भारतीय रिजर्व बैंक फ्रॉड के आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि पब्लिक सेक्टर के बैंकों में धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। आरबीआई के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के बीच धोखाधड़ी के मामलों में 51 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन इस गिरावट के बाद भी करीब 40,295.25 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।
केंद्रीय बैंक ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत एक आवेदन के जवाब में कहा कि 12 पीएसबी (सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों) ने पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में 81,921.54 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की सूचना दी थी। हालाकि धोखाधड़ी के मामलों की संख्या में पैसों के हिसाब से गिरावट नहीं हुई है। 2021-22 में PSB द्वारा रिपोर्ट की गई कुल 7,940 धोखाधड़ी मामले हैं, जबकि FY21 में 9,933 मामले दर्ज किए गए थे। आरबीआई ने यह जानकारी मध्य प्रदेश के एक व्यक्ति के आरटीआई के जवाब में दिया है।
पीएनबी के ग्राहकों से सबसे अधिक पैसों की चपत
वित्त वर्ष 2022 के दौरान पीएसबी द्वारा रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी पर आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, शहर स्थित पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) सबसे अधिक 9,528.95 करोड़ रुपये की राशि दर्ज की गई है, जहां 431 ऐसी घटनाएं शामिल थीं।
एसबीआई में 4,192 मामले
देश के सबसे बड़े कर्जदाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 4,192 मामलों में 6,932.37 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की सूचना दी है, जो बड़ी संख्या में छोटे मूल्य के धोखाधड़ी की घटनाओं को दर्शाती है।
किस बैंक में कितने रुपये की धोखाधड़ी
अधिक कीमत की धोखाधड़ी होने वाले बैंको में बैंक ऑफ इंडिया ने 5,923.99 करोड़ रुपये (209 केस) , बैंक ऑफ बड़ौदा ने 3,989.36 करोड़ रुपये (280 मामले), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 3,939 करोड़ रुपये (627 मामले) और केनरा बैंक ने सिर्फ 90 मामलों में 3,230.18 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की सूचना दी है।
इन बैंकों में भी आए अधिक मामले
इसके अलावा इंडियन बैंक के ग्राहकों को 211 मामलों में 2,038.28 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा। इंडियन ओवरसीज बैंक 1,733.80 करोड़ रुपये (312), बैंक ऑफ महाराष्ट्र 1,139.36 करोड़ रुपये (72 मामले), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 773.37 करोड़ रुपये, यूको बैंक ने 611.54 करोड़ रुपये (114 करोड़) और पंजाब एंड सिंध बैंक ने 159 घटनाओं में 455.04 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की सूचना दी है।