दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात का दौरा का रहे हैं और बीजेपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वहीं सोमवार को भी अरविंद केजरीवाल गुजरात के दौरे पर थे और उन्होंने इस दौरान भी बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। एक भाषण के दौरान अरविंद केजरीवाल ने दावा कर दिया कि गुजरात सरकार पर साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, जबकि दिल्ली सरकार पर एक रुपये का भी कर्ज नहीं है।
अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण के दौरान दावा किया, “गुजरात पर 3.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। पहले दिल्ली पर भी कर्ज था। अब CAG की रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली पर एक पैसे का क़र्ज़ नहीं है और बजट मुनाफ़े में है। एक पढ़े-लिखे आईआईटी इंजीनियर को सीएम बनाने का ये फ़ायदा होता है।”
वहीं अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि गुजरात में बीजेपी जा रही है और आम आदमी पार्टी की सरकार आ रही है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा, “गुजरात पुलिस से मेरा निवेदन। आपके ग्रेड पे और अन्य सभी मुद्दों पर मैंने आपका साथ दिया। हमारी सरकार बनने के बाद हम पक्का लागू करेंगे। हम आपके साथ हैं। बस दो महीने बचे हैं। भाजपा वाले आपको कोई ग़लत काम करने को बोलें तो मना कर दो। डरो मत। भाजपा जा रही है, आम आदमी पार्टी आ रही है।”
वहीं वित्त वर्ष मार्च 2020 की समाप्ति पर वर्ष 2021 की नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट विधानसभा में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा प्रस्तुत की गई थी। सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार का कर्ज चार साल की अवधि में 2019-20 तक लगभग सात प्रतिशत बढ़ गया है।
हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-20 में दिल्ली सरकार का रेवेन्यू सरप्लस 7,499 करोड़ रुपये है, जो दर्शाता है कि सरकार की राजस्व प्राप्तियां राजस्व व्यय को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। सीएजी रिपोर्ट से पता चलता है कि दिल्ली सरकार पर कर्ज तो है लेकिन सरकार फायदे में चल रही है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि दिल्ली सरकार अपने कर्मचारियों की पेंशन देनदारियों के कारण बड़े पैमाने पर रेवेन्यू सरप्लस बनाए रखने में सक्षम है क्योंकि यह केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है।