मवेशियों की देखरेख और उनके खस्ताहाल को लेकर उठते सवालों के बीज गुजरात में नई पहल की गई है। यहां राजकोट के प्राइवेट स्कूलों में जल्द ही गायों को चारा खिलाने और उनका दूध निकालने की व्यवस्था की जाएगी। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के गृह क्षेत्र में बने प्राइवेट स्कूलों और उनके पास स्थित खाली प्लॉट्स में गोशालाएं बनाने की तैयारी चल रही है। इस पहल का मकसद शहरों में पढ़ने वाले बच्चों को गायों के दूध और उनसे बनने वाले उत्पादों का महत्व समझाना है।

मोटा मउवा से होगी शुरुआतः ऐसी पहली गोशाला का उद्घाटन रविवार (30 जून) को मोटा मउवा में किया जाएगा। करीब दो हजार छात्रों वाले इस स्कूल के ट्रस्टी धर्मेंद्र मेहता ने टीओआई से बातचीत में कहा, ‘कुछ महीनों पहले हमें होस्टल में छात्रों के साथ 14 गायें मिलीं। हम इस पहल को सभी छात्रों तक ले जाना चाहते हैं।’

हर हफ्ते कम से कम दो घंटे की क्लासः मेहता के मुताबिक, ‘छात्रों को हर हफ्ते कम से कम दो घंटे इस काम के लिए देने होंगे। इसमें गोशाला जाना भी शामिल है। इसके साथ-साथ गाय के मूत्र, गोबर, दूध और दूध से बने उत्पादों के बारे में जानना भी शामिल है। शहरों में कई परिवारों के ऐसे बच्चे भी हैं जिन्हें गायों के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। हम उन्हें व्यावहारिक शिक्षा देना चाहते हैं और बताना चाहते हैं कि पशुपालन भी एक अच्छा बिजनेस हो सकता है।’

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गोशाल, गोबर गैस प्लांट आदि पर मिल रही सब्सिडीः राष्ट्रीय कामधेनु बोर्ड के चेयरमैन वल्लभ कथीरिया ने कहा कि हम पहले से गोशाला, गोबर गैस प्लांट्स आदि के संचालन के लिए सब्सिडी दे रहे हैं।

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