हिंसक जाट आंदोलन से सबक लेकर गुजरात सरकार ने पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के पास अपना दूत भेजकर इस जटिल मुद्दे पर समझौते की संभावनाएं तलाशने का प्रयास किया। प्रमुख पटेल नेता और भाजपा के सांसद विट्ठल रदाड़िया ने लाजपोर जेल में हार्दिक से मुलाकात की और दावा किया कि समझौता हो जाता है तो सरकार पटेल नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने पर विचार कर सकती है जिनमें हार्दिक व अन्य के खिलाफ देशद्रोह के मामले भी शामिल हैं।

विसनगर अदालत में पेश करने के लिए जेल से बाहर लाए गए हार्दिक ने कहा कि विट्ठल भाई रदाड़िया हमारे समुदाय के सम्मानित नेता हैंं। पटेल आरक्षण पर हमारी उनसे विस्तृत बातचीत हुई। मैं समझौता फार्मूले को स्वीकार कर लूंगा अगर यह मेरे समुदाय के लिए लाभदायक है। रदाड़िया और हार्दिक ने पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के उठाए गए मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की।

रदाड़िया ने संवाददाताओं से कहा- मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने मुझसे कहा कि राज्य सरकार की तरफ से मैं हार्दिक पटेल से मुलाकात करूं ताकि पटेल आरक्षण आंदोलन का संभावित समाधान निकाला जा सके।

उन्होंने जेल के अंदर हार्दिक से करीब एक घंटे तक बातचीत की। हार्दिक के साथ उनके पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के उठाए गए सभी मुद्दों पर मेरी विस्तार से चर्चा हुई। मैं उनका संदेश मुख्यमंत्री तक पहुंचा दूंगा। मुझे उम्मीद है कि समस्या का जल्द समाधान निकल जाएगा।