गुजरात हाईकोर्ट के जज जस्टिस निखिल एस कारियल (Justice Nikhil S Kariel) को पटना हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने के फैसले के खिलाफ वकील लामबंद हो गए हैं। गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन (GHCAA) ने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के फैसले के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का फैसला गुरुवार को लिया। बार का कहना है कि इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता खत्म होगी।

LiveLaw की समाचार रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) के वकील गुरुवार दोपहर मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार की अदालत में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय से पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) में न्यायमूर्ति निखिल कारियल को स्थानांतरित करने की सिफारिश का विरोध करने के लिए एकत्रित हुए।

वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर ठाकोर और असीम पांड्या ने बार के सभी सदस्यों की ओर से विरोध व्यक्त करते हुए कहा, “हम यहां जस्टिस कारियल के स्थानांतरण के कारण न्यायपालिका की आजादी खत्म करने का विरोध करने के लिए हैं।”

बार ने कहा, “ऐसे तबादले हाईकोर्ट के सीजे से परामर्श के बाद होने चाहिए”

यह बयान मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार की इस पूछताछ के बाद आया कि अदालत के समक्ष “बार में अचानक भीड़” क्यों है। बार के एक अन्य सदस्य ने यह भी बताया कि इस तरह के तबादले उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करने के बाद किए जाते हैं। मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) को ऑनलाइन न्यूज रिपोर्ट्स (Online News Reports) भी दिखाई गईं। अदालत ने, हालांकि, कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग (Live Streaming) को बीच में ही बंद कर दिया।

जस्टिस निखिल एस कारियल को ‘बेहतरीन, सच्‍चा, ईमानदार,और निष्पक्ष’ जज बताया

गुजरात हाई कोर्ट के वकीलों ने इस दौरान जस्टिस निखिल एस कारियल को ‘बेहतरीन, सच्‍चा, ईमानदार,और निष्पक्ष’ जज बताया। उनके पटना हाईकोर्ट ट्रांसफर करने के सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के प्रस्ताव के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव पारित किया है। इसमें कहा गया है कि प्रस्तावित स्थानांतरण उचित नहीं है।

एसोसिएशन ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि बार के सदस्य इसका सर्वसम्मति से कड़ा विरोध करते हैं। यह भी फैसला लिया कि जब तक चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और कॉलेजियम इस मुद्दे का समाधान नहीं कर देते हैं तब तक उनका बेमियादी हड़ताल जारी रहेगा। इस बीच, गुजरात हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (GHAA) ने अदालत में पेश होने से पहले एक संदेश भेजा कि एसोसिएशन की एक असाधारण आम बैठक में इस मुद्दे पर एक प्रस्ताव पारित किया जा रहा है।