Gujarat Legislative Assembly Election: पीएम मोदी के पुराने दोस्त और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने रविवार (21 अगस्त, 2022) को घोषणा की कि वह राज्य में अपनी नई पार्टी प्रजाशक्ति डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। एएनआई से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सत्तारूढ़ दल (भारतीय जनता पार्टी) भ्रष्ट और अक्षम है, इसलिए पार्टी राज्य के लोगों को आगामी विधानसभा चुनावों में एक विकल्प दे रही है।
वाघेला ने कहा, ‘लोग एक विकल्प की तलाश में हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) का ‘मालिक’ एक है, इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।’ गुजरात में भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर हमला करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि दो मंत्रियों (राजेंद्र देसाई और पूर्णेश मोदी) से विभागों को छीनने से भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होता है।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के साथ उनकी हालिया मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर वाघेला ने कहा, ‘हमने विभिन्न दलों के बारे में अच्छी चर्चा की। उनसे मिलने के बाद मैंने अपनी पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए यह निर्णय लिया है, क्योंकि उन्होंने इसके प्रति अपना समर्थन दिखाया है और अपने ट्वीट में भी उल्लेख किया है।
वाघेला ने कहा कि आगामी राज्य विधानसभा चुनाव के लिए उनका लक्ष्य सभी 182 सीटों पर अच्छे नेताओं के साथ चुनाव लड़ना है। एक सवाल के जवाब में कि क्या वह पीडीपी में शामिल होने के बारे में किसी भाजपा या कांग्रेस के नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘अभी तक, मैंने अपनी वर्तमान पार्टी को छोड़ने के बारे में किसी से बात नहीं की है। अगर वे मानते हैं कि यह पार्टी है। मौका है, वे मेरी पार्टी में शामिल होंगे।’
सरकार बनने पर 12 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा
रविवार को वाघेला ने लोगों से कई वादे किए, जिनमें 12 लाख रुपये सालाना तक कमाने वाले परिवारों के लिए 12 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा, 12 लाख रुपये तक कमाने वाले परिवारों के बच्चों को स्नातकोत्तर स्तर तक मुफ्त शिक्षा, बेरोजगारों के लिए रोजगार और बेरोजगारों को बेरोजगारी लाभ, जल कर की छूट और 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली, कर्ज माफी और किसानों के बिजली बिलों में राहत और नई वैज्ञानिक शराब नीति। “शराब पर प्रतिबंध हटाने के पक्ष में मैं अकेला हूं, जो नकली शराब पीने से मरने वाले लोगों की जान बचाएगा।” प्रतिबंध हटाने से आय भी होगी जिसका उपयोग कम आय वाले परिवारों के स्नातकोत्तर स्तर के छात्रों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए किया जा सकता है।
2017 में विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा देने के बाद वाघेला ने एक नया संगठन ‘जन विकल्प मोर्चा’ भी बनाया था, जिसने 2017 का गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन सीटें जीतने में सफलता नहीं मिली।
वाघेला कॉलेज के समस से आरएसएस जुड़े
कॉलेज के समय से आरएसएस से जुड़े रहे वाघेला को इमरजेंसी के वक़्त इंदिरा गांधी की सरकार ने जेल में बंद कर दिया था। वह जनसंघ से जुड़े थे और इमरजेंसी के बाद 1977 में जनता पार्टी की टिकट पर लोकसभा के सदस्य बने। 1980 में वह गुजरात बीजेपी के महासचिव और उसके बाद पार्टी अध्यक्ष।
नरेंद्र मोदी के साथ गुजरात में घूमा करते थे वाघेला
1990 के बाद जब लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के लिए राष्ट्रीय नेता बन गए तो यह तय था कि गुजरात में बीजेपी के आने पर नेता वाघेला ही होंगे। उन दिनों पार्टी में उनके सबसे क़रीबी थे नरेंद्र मोदी जिनके साथ वह गुजरात में घूमा करते थे। 1995 में जब बीजेपी गुजरात में 121 सीटों पर जीती तब आडवाणी और मोदी ने वाघेला को हटाकर केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री बना दिया।
55 विधायकों के साथ वाघेला ने कर दिया था विद्रोह
1995 में जब पटेल अमरीका दौरे पर गए तब वाघेला ने गुजरात बीजेपी के 55 विधायकों के साथ विद्रोह कर दिया। वाघेला ने इन सभी विधायकों को एक निजी विमान में रात को तीन बजे अहमदाबाद से खुजराहो भेज दिया। 1996 में गोधरा से लोकसभा का चुनाव हारने के बाद वाघेला बीजेपी से अलग हो गए और उन्होंने अपनी पार्टी बना ली। वाघेला की राष्ट्रीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर गुजरात में सरकार बनाई। वाघेला एक साल तक मुख्यमंत्री रहे।