Gujarat Assembly Elections: गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने शनिवार (26 नवंबर) को गांधीनगर में भाजपा का संकल्प पत्र 2022 जारी किया। जिसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने सेहत, पढ़ाई और नौकरी में हमारा संकल्प दोहराया है।
शनिवार को जारी सत्तारूढ़ भाजपा के घोषणापत्र की विपक्षी प्रतिद्वंद्वियों, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने तीखी आलोचना की है। दोनों पार्टियों का कहना है कि भाजपा ने उनके द्वारा किए गए वादों, रियायतों और गारंटियों को दोहराया है।
BJP ने अपने घोषणापत्र पर मांगे लोगों से सुझाव: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा, “हमने जो वादा किया था वो किया है और हमने वो भी किया है जिसकी बात नहीं की गई थी इसलिए हमारे शब्दों में ताकत है।” उन्होंने कहा, “कई राजनीतिक दल बड़ी घोषणाएं कर रहे हैं। वे ऐसा क्यों नहीं करेंगे? सत्ता में नहीं आयेंगे तो कोई भी स्वप्न दिखा सकते हैं। लेकिन अगर बीजेपी कुछ कहती है तो उसे हल्के में नहीं कहा जाता है। हम सभी तैयारी करते हैं, उचित परिश्रम करते हैं, गणना करते हैं और हम जरूरतमंदों और उनकी आवश्यकताओं को पहचानते हैं।” भाजपा ने अपने घोषणापत्र पर लोगों से सुझाव भी मांगे हैं।
कांग्रेस और AAP ने लगाया कॉपी करने का आरोप: भाजपा के घोषणापत्र का शीर्षक “अग्रेसर गुजरात संकल्प पत्र 2022” है, जिसमें लड़कियों को किंडरगार्टन से पोस्ट-ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा देने का संकल्प लिया गया है। यह वादा 12 नवंबर को जारी कांग्रेस के घोषणापत्र की ही तरह है। आप ने भी सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का वादा किया है। शनिवार को सूरत के हीरा बाजार के महिदरपुरा में एक रैली में वराछा से आप उम्मीदवार अल्पेश कथीरिया ने आरोप लगाया कि भाजपा का घोषणापत्र आप की गारंटी की फोटो कॉपी है। उन्होंने आरोप लगाया, “यह आपका अग्रेसर (प्रगतिशील) गुजरात नहीं है, बल्कि पीछे हट रही भारतीय जनता पार्टी है।”
बीजेपी पर निशाना साधते हुए गुजरात आप के अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने महिदरपुरा की रैली में कहा, “जब हम अपनी गारंटी की घोषणा करते हैं, तो बीजेपी लागत का हिसाब लगाती है और हमें बताती है कि आपको पैसा कहां से मिलेगा।”
कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी के वादे हमारे बाद आते हैं: गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी का कहना है, ”कांग्रेस के घोषणापत्र में पहले ही इस बारे में घोषणा की थी जिसके बाद बीजेपी को शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए मजबूर होना पड़ा। उनके वादे हमारे बाद आते हैं। 2012 में, जब हमने ‘घर नू घर योजना’ की घोषणा की तो भाजपा ने 50 लाख घर बनाने का वादा किया।