Amit Shah In Gujarat: भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा है कि भाजपा गुजरात और हिमाचल प्रदेश में न केवल जीतेगी, बल्कि प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि हमारा किसी से विरोध नहीं है। सबको लोकतंत्र में चुनाव लड़ने की आजादी है। कोई भी व्यक्ति या दल चुनाव लड़ सकता है।

गुजरात इलेक्शन को लेकर न्यूज चैनल आजतक के कार्यक्रम में एंकर राहुल कंवल के साथ बातचीत में उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए। बातचीत के दौरान इस सवाल के जवाब में कि आम आदमी पार्टी का मिशन जीरो पर आप काम कर रहे हैं, अमित शाह ने कहा, “हर चुनाव जीतने के लिए लड़ा जाता है। हारने के लिए नहीं, एक बार कबड्डी के मैदान में उतरो मियां, पता चल जाएगा।”

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अमित शाह ने कहा कि जब से हमारी पार्टी बनी है तब से यह हमारा मुद्दा है। इन्हीं मुद्दों के आधार पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने उद्योग मंत्री के पद से इस्तीफा देकर भारतीय जन संघ की स्थापना की। एक भी घोषणा पत्र ऐसा नहीं है, जिसमें हमने यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात नहीं की हो। पंथ निरपेक्ष देश में कानून का आधार धर्म नहीं हो सकता। हमारे संविधान निर्माताओं ने भी कहा कि जब कभी भी अनुकूलता हो देश के विधान मंडलों और संसद ने यूनिफॉर्म सिविल कोड लाना चाहिए।

अमित शाह ने कहा कि हमने इस देश की जनता से वादा किया था कि हम भारत को सुरक्षित बनाएंगे, और आज नरेंद्र मोदी सरकार ने ये कर दिखाया है। देश के बॉर्डर आजादी के बाद अब सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं। आंतरिक सुरक्षा मजबूत हुई है। इसका अहसास दुनियाभर को है।

कहा- 1950 से कहते आए हैं कि धारा 370 खत्म करेंगे, उसे कर दिया

कहा कि हम जो कहते हैं उसे पूरा करते हैं। 1950 से ये बात कहते आए हैं कि धारा 370 खत्म कर देंगे। ये काम नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया है। हम कहते थे कि उसी भूमि पर मंदिर बनना चाहिए, जहां प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। कांग्रेस के लोग हमें ताने मारते थे। हम पर तंज कसते थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे। लेकिन तारीख बताने की जरूरत नहीं है। ये जनवरी 2024 तक पूरा हो जाएगा।

अमित शाह ने कहा कि हम ट्रिपल तलाक खत्म करने की बात करते थे। हमने ऐसा कर दिखाया है। अगर कॉमन सिविल कोड की बात करते थे, तो इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। इसके साथ ही कहते थे कि देश के अंर्थतंत्र की लिस्ट में 1 से 5 के बीच होना चाहिए, तो आज हम पांचवें नंबर पर हैं। बहुत सारी एजेंसियों ने ये अनुमान लगाया है कि 2026 तक भारत की अर्थव्यवस्था इस लिस्ट में तीसरे नंबर तक पहुंच जाएगी।