गुजरात विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान होते ही राजनीतिक दलों में हलचल और ज्यादा बढ़ गई है। बीजेपी और कांग्रेस के अलावा, इस बार आम आदमी पार्टी और ओवैसी की एआईएमआईएम भी मैदान में हैं। बीजेपी फिर से राज्य में सत्ता पाने के लिए दमखम के साथ जुटी है। वहीं, आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का दावा है कि इस बार के चुनाव में बीजेपी को हराकर उनकी पार्टी सत्ता पर काबिज होगी। अगर पुराने आंकड़ें देखें तो गुजरात की 182 सीटों में से 115 पर नोटा तीसरे नंबर पर था। ऐसे में सवाल है कि क्या आप के मैदान में होने से इस बार खेल बदलेगा।
गुजरात के 3 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 5.51 लाख या 1.84 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा को चुना था। गुजरात में नोटा का कुल वोट शेयर भाजपा (49.05%) और कांग्रेस (41.44%) के बाद तीसरे नंबर पर सबसे अधिक (1.84%) था। 794 निर्दलीयों में से सिर्फ 3 चुनाव जीते थे, ये एकमात्र समूह था, जिसने नोटा से ज्यादा वोट शेयर प्राप्त किया था।
इस बार आप के चुनाव लड़ने की वजह से पहले ही राज्य में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। चुनाव को लेकर राज्य में आप के पैठ बनाने की कोशिशों को देखते हुए यह प्रवृत्ति महत्वपूर्ण हो जाती है। वहीं, 2017 के चुनाव में 1.84 प्रतिशत लोगों ने नोटा का विकल्प चुना था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राज्य में जनता आप को एक विकल्प को तौर पर देख रही है।
दिसंबर में 2 चरणों में होंगे चुनाव
चुनाव आयोग ने गुरुवार (3 नवंबर, 2022) को गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। राज्य में 1 और 5 दिसंबर को दो चरणों में मतदान होगा और परिणाम 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। विधानसभा की 182 सीटों में से 89 पर पहले चरण में और 93 पर दूसरे चरण में मतदान होगा। इस साल 4.9 करोड़ से अधिक मतदाता वोटिंग के पात्र हैं। राज्य में 51,000 से अधिक मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
बता दें कि गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी, 2023 को समाप्त हो रहा है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। केंद्र ने चुनाव से पहले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 160 कंपनियों को तैनात किया है।