Gujarat Election Danilimda Seat : अहमदाबाद (Ahmedabad) शहर की अनुसूचित जाति आरक्षित सीट दानीलिम्डा (Danilimda) को 2008 के परिसीमन आदेश के बाद बनाया गया था। यहां 2012 और 2017 में दो विधानसभा चुनावों हुए और इन दोनों चुनावों में कांग्रेस (Congress) के दिग्गज नेता शैलेश परमार (Shailesh Parmar) ने 2012 में 14,000 से अधिक वोटों और 2017 में 32,000 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी।
इस बार शैलेश परमार (Shailesh Parmar) लगातार तीसरी बार चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। लेकिन उनके लिए यह चुनाव आसान नजर नहीं आ रहा है। इसकी सीधी सी वजह भाजपा के अलावा, आम आदमी पार्टी (AAP) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मैदान में उतर आने को देखा जा रहा है। जिससे वोट के बंट जाने का अंदेशा बढ़ गया है।
दानीलिम्डा (Danilimda) सीट का क्या है माहोल
एआईएमआईएम (AIMIM) ने इस सीट पर एक दलित उम्मीदवार कौशिका परमार (Kaushika Parmar) को मैदान में उतारा है। वह एक ब्यूटी पार्लर चलाती हैं। वहीं आम आदमी पार्टी ने गुजरात बिजली बोर्ड (जीईबी) में सेवानिवृत्त इंजीनियर दिनेश कपाड़िया (Dinesh Kapadia) को अपना प्रत्याशी बनाया है।
एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को 12 को नवंबर इस इलाके में एक जनसभा को संबोधित करना था लेकिन वह यहां नहीं पहुंचे। पार्टी के गुजरात प्रमुख ने उनके नहीं आने की वजह पीठ में दर्द को बताया लेकिन पार्टी के कुछ अन्य सदस्यों ने जनसभा में भीड़ के ना जुटने को इसकी वजह बताया।
भाजपा ने नरेश व्यास को इस सीट से मैदान में उतारा है। वह 2005 के अहमदाबाद नगर निगम चुनावों में भाजपा पार्षद के रूप में चुने गए थे। उन्हें आदर्श चुनाव आचार संहिता का उलंघन करने की वजह से अपना चुनावी कार्यालय बंद करना पड़ा था।
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कांग्रेस (Congress) का गढ़ रही है ये सीट
दानीलिम्डा (Danilimda) एक मुस्लिम और दलित बहुल निर्वाचन क्षेत्र है जहां इस वर्ष अनुमानित 2.60 लाख मतदाताओं में से लगभग एक लाख मुस्लिम मतदाता हैं और अन्य 90,000 दलित मतदाता हैं। पिछले दो विधानसभा चुनावों में दानीलिम्डा में लगभग 67-68 प्रतिशत मतदान हुआ था। इन दोनों चुनावों में बीजेपी उम्मीदवार 60,000 से ज्यादा वोट हासिल नहीं कर पाए हैं वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीतने के अलावा 2021 में एएमसी चुनावों में भी जीत हासिल कर दानीलिम्डा को अपना गढ़ साबित किया है। दानीलिम्डा के सभी चार वार्डों को जीतने में कांग्रेस कामयाब रही है।
बिगड़ सकता है कांग्रेस का खेल
इस निर्वाचन क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक चंदोला झील का मुद्दा है। जिसके आसपास लगभग 5,000 परिवार रहते हैं जिनमें से अधिकांश मुस्लिम हैं। ओवैसी अहमदाबाद में अपने प्रचार अभियान में कांग्रेस पर हमला करने के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं की कमी और विकास के मुद्दे पर बात कर रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा के व्यास ने भी लगातार चंदोला झील का मुद्दा उठाया है। उनका मानना है कि कांग्रेस क्षेत्र में विकास के मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही है। इस चुनाव में 12 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें दानीलिम्डा से कांग्रेस की एक पूर्व पार्षद जमनाबेन वेगड़ा भी निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। वेगड़ा को कांग्रेस ने इस ही साल पार्टी से बाहर कर दिया था।