गोपाल बी कटेशिया–
Gujarat Assembly Eelction 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Eelction) को लेकर भाजपा उम्मीदवार मोरबी पुल हादसे(Morbi Bridge Collapse) में राहत अभियान को प्रचार का मुद्दा बना रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा उम्मीदवार और पूर्व विधायक कांतिलाल अमृतिया (Kantilal Amrutiya) ने मोरबी पुल हादसे को लेकर अपनी भूमिका का जिक्र किया। बता दें, भाजपा ने मौजूदा विधायक को हटाकर कांतिलाल अमृतिया का टिकट दिया है।
कांतिलाल अमृतिया(Kantilal Amrutiya) ने कहा कि जब मोरबी पुल हादसा हुआ उस वक्त उन्होंने लोगों को बचाने के लिए मच्छु नदी में छलांग लगा दी थी। उन्होंने कहा कि इस दौरान चार-पांच पुलिस कर्मियों ने भी लोगों को बचाने के लिए नदी में उतर गए थे। बाकी 99 प्रतिशत राहत बचाव कार्य अन्य लोगों द्वारा किया गया था। उसके बाद भी उन लोगों ने मुझे इसका श्रेय दिया। इसके बाद मैंने एक वीडियो अपलोड किया।
भाजपा उम्मीदवार यह बातें मोरबी जिले के मलिया तालुका में खराई गांव के पंचवटी इलाके के निवासियों के बीच कह रहे थे। बता दें, भाजपा ने आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मोरबी निर्वाचन क्षेत्र से अमृतिया को उम्मीदवार बनाया है। इस दौरान उनका पूरा भाषण उनके सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के ही इर्द-गिर्द रहा।
इस दौरान कांतिलाल अमृतिया ने एक सांस में 30 अक्टूबर को मोरबी की मच्छु नदी में पुल गिरने के बाद बचाव कार्य में अपनी भूमिका पर प्रकाश डाला। जिसमें 55 बच्चों सहित 135 लोग मारे गए थे। मोरबी में मच्छु नदी पर बने केबल सस्पेंशन ब्रिज को साल 1887 में तत्कालीन राजा वाघाजी ठाकोर ने बनवाया था। इस पुल को मरम्मत के लिए 7 महीने बंद रखने के बाद 24 अक्तूबर को खोला गया था। हादसे के वक्त पुल पर 600 के करीब लोग मौजूद थे, जो मच्छु नदी में गिर गए।
मोरबी हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोरबी गए थे। इस दौरान मोदी ने हादसे में घायल हुए लोगों का हाल जानने के लिए अस्पताल का भी दौरा किया था। वहीं विपक्षी दलों, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को दोषी ठहराया था।
गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने 40 स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारा है। जिसमें पीएम मोदी, जेपी नड्डा (JP Nadda) से लेकर अमित शाह (Amit Shah), नितिन गडकरी (Nitin Gadkari), राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), स्मृति ईरानी, भूपेंद्र पटेल, मनोज तिवारी जैसे नाम शामिल हैं।इसके अलावा, गुजरात के स्थानीय नेता और मंत्री भी चुनाव प्रचार में अहम भूमिका निभाएंगे।
