गुजरात में पिछले दिनों जहरीली शराब के सेवन के कारण दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी। इस मुद्दे पर संसद सत्र के दौरान भी जमकर हंगामा हुआ था। विपक्ष ने राज्य में शराबबंदी के बीच इस घटना को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा था। वहीं, अब एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि 50 से अधिक मौतों के बाद भी जहरीली शराब बिक रही है।

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात में शराबबंदी के बीच शराब की होम डिलीवरी धड़ल्ले से हो रही है। गुजरात के भावनगर में पॉलिथीन में भरकर शराब बेची जा रही है। इस रिपोर्ट में दिखाया गया है कि एक स्थानीय शख्स इलाके की तंग गली में जाता है और उसे बेहद आसानी से शराब मिल जाती है। पॉलिथीन की पोटली में शराब पूरे इलाके में बेची जा रही है और प्रशासन इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

शराब की यह पोटली 20 रु में आसानी से मिल जाती है। यहां तक कि होटलों में भी शराब की डिलीवरी हो रही है। अंग्रेजी और इंपोर्टेड शराब की एक बोतल को कई गुना दाम पर बेचा रहा है। इसकी होम डिलीवरी की जाती है। शराब माफिया पहले ग्राहक को शराब की बोतल की तस्वीर भेजते हैं और फिर ऑर्डर फाइनल होने पर उसकी डिलीवरी की जाती है। ये रैकैट धड़ल्ले से चल रहा है, जिसके आगे प्रशासन लाचार है।

शराबबंदी वाले गुजरात में 20 रु से लेकर 8000-10000 रु तक में शराब मिल रही है। गांव-देहात में गरीब तबके के लोग 20 रु देकर शराब की पोटली खरीद लेते हैं, जो जहरीली भी हो सकती है। वहीं, पैसे वालों को शराब उनके घर, होटल या अन्य जगहों पर होम डिलीवरी के जरिए भी मिल जा रही है।

जहरीली शराब से मौतों के मुद्दे पर घमासान

हाल ही में बोटाद जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले पर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को घेरा था। आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शराबबंदी के बावजूद गुजरात में शराब कहां से आ रही है। उन्होंने कहा 15 साल में गुजरात में 845 से अधिक लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है।