हरियाणा के 10 जिलों में जीएसटी से संबंधित 44 फर्जीवाड़ों की जानकारी मिली है। जांच में पता चला है कि 1472.48 करोड़ रुपए के फर्जी बिलों से 174.50 करोड़ का टैक्स चोरी किया गया। एक्साइज व टैक्सेशन विभाग के अतिरिक्त चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल ने बताया कि वैट के समय प्रदेश में करीब 2.5 लाख फर्म रजिस्टर्ड थीं। वहीं, जीएसटी लागू होने के बाद 4.4 लाख फर्म पंजीकृत कराई गईं।

ऐसे हुआ खुलासा : जानकारी के मुताबिक, जीएसटी अधिकारियों को नई पंजीकृत फर्म के सत्यापन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच के दौरान पता चला कि 44 कंपनियां फर्जी इनवॉइस बनाकर टैक्स चोरी कर रही हैं। ये फर्म सब्जी विक्रेता, झाडू-पोछा करने वाली के नाम पर चल रही थीं। फ्रॉड करने वाली अधिकतर कंपनियां महिलाओं के नाम पर पंजीकृत मिलीं। विभाग ने 13.7 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट ब्लॉक कर दिया है। अधिकारियों का मानना है कि प्रदेश के बाकी जिलों में भी ऐसे मामले सामने आ सकते हैं।

मालिक का नाम है, पर पता नहीं : बता दें कि हरियाणा के हिसार, फतेहाबाद व सिरसा में कॉटन का काम सबसे ज्यादा होता है। इन फर्मों की जांच की गई तो खुलासा हुआ कि फर्जी कागजात के जरिए बिलिंग हुई है। इन फर्मों में 21-22 वर्ष के युवाओं को मालिक दिखाया गया, लेकिन कंपनी के पते पर खेत मिले।

महिला को 5 हजार रु. महीने देकर लिए कागजात : महेंद्रगढ़ में फर्म बना 32.59 करोड़ रु. टैक्स चोरी करने का खुलासा हुआ। रेवाड़ी जिले के रालियावास निवासी चरण सिंह ने निमोठ निवासी पूनम को करीब 5 हजार रुपए महीने देने का लालच दिया। इसके एवज में आरोपी ने महिला का आधार कार्ड, पैन कार्ड समेत अन्य जरूरी कागजात ले लिए। 27 अप्रैल 2018 को पूनम इंडस्ट्रीज के नाम से फर्म रजिस्टर्ड कराने के बाद जीएसटी नंबर लिया गया। 4-5 महीने बिल्कुल भी खरीद नहीं दिखाई गई। अक्टूबर, नवंबर से फर्जी तरीके से सीमेंट, सोरटेड बैग, पेपर कॉटन आदि की खरीद-बिक्री दिखा 32.59 करोड़ रुपए का टैक्स चोरी कर लिया गया।

 

पोंछा लगाने वाली के नाम पर 40.76 करोड़ का फ्रॉड : रोहतक के महम में 40.76 करोड़ की टैक्स चोरी हुई। प्रिया इंडस्ट्रीज नाम की फर्म में यूपी के आगरा की सुमन देवी को मालिक दिखाया गया। सुमन गुड़गांव की कोठियों में झाड़ू-पोछा लगाती है। उसका कहना है कि उसने अपने कागजात किसी को नहीं दिए।