ओमप्रकाश ठाकुर
एक सप्ताह में हिमाचल प्रदेश में जिस तेजी से प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़े हैं। उससे सरकार में हड़कंप मच गया है जबकि प्रदेश की जनता पूरी तरह से सहम गई है। बेशक कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर ने भी प्रदेश में कोहराम मचाया था पर इस बार रफ्तार के मामले में अब तक के सारे रेकार्ड तोड़ दिए हैं।
एक सप्ताह में प्रदेश में कोरोना के बेहताशा मामले सामने आए हैं। तीन जनवरी को प्रदेश में 137 नए मामले सामने आए थे । उसके बाद चार जनवरी को 260, पांच को 374, छह जनवरी को 498, सात जनवरी को 574 और आठ जनवरी के 728, नौ जनवरी को 498 और दस जनवरी को 1200 मामले सामने आ गए। मायने यह कि तीन जनवरी से दस जनवरी तक प्रदेश में सात दिनों में 4,269 नए मामले सामने आ गए और यह सिलसिला जारी है। 72 लाख की आबादी वाले छोटे से राज्य के लिए यह रफ्तार सामान्य नहीं हैं।
यह तो कोरोना के मामले हंै। कोरोना के बहुरूप ओमीक्रान के कितने मामले प्रदेश में आ चुके होंगे, अभी इसकी रपटें तो आई ही नहीं। अभी एक ही मामला सामने आया है। संभवत: आने वाले समय में इस बहुरूप के भी बेतहाशा मामले सामने आ जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। जयराम सरकार ने अब जाकर देरी से पांबदियों का दौर तो शुरू किया है लेकिन इस बार दो साल से तबाह हो रहे होटल उद्योग को बचाने के लिए सरकार ने पहले कोई पांबदियां नहीं लगाई। नया साल भी बिना पांबदियों के ही निकाल दिया। प्रदेश के तमाम पर्यटन स्थलों में 20 दिसंबर से ही सैलानियों का अंबार लगा रहा। प्रदेश का ऐसा कोई भी पर्यटन स्थल नहीं बचा था जहां पर सैलानियों की भरमार न रही हो।
नए साल के मौके पर एक जनवरी को एक दिन में मनाली की अटल टनल से रेकार्ड 7,515 वाहन गुजरे। यह इस सुरंग के तीन अक्तूबर, 2020 से शुरू होने से लेकर अब तक एक दिन में वाहनों की सबसे ज्यादा आवाजाही थी। इससे पहले प्रदेश में क्रिसमस से पहले बर्फबारी की संभावना जता दी गई थी तो 22 जनवरी से प्रदेश के पर्यटन स्थलों में सैलानियों की भीड़ जुट गई। इसी बीच प्रदेश की जयराम सरकार के चार साल पूरे होने मौके पर 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंडी में विशााल जनसभा की गई । इस जनसभा में भीड़ जुटाने के लिए जयराम सरकार ने ही पूरी ताकत लगाई और पंद्रह सौ से ज्यादा बसों में लोग भर-भर कर जनसभा स्थल तक पहुंचाए गए।
चार दिन से प्रदेश के अनेक स्थलों पर बर्फबारी हो रही है और तमाम पर्यटक स्थल सैलानियों से अभी भी गुलजार है। अभी तक न सैलानियों और न ही बाकियों की ओर से कोरोना के नियमों की कड़ाई से पालना की जा रही है। अब इस चूक का नजला गिरना शुरू हो रहा है। जैसे-जैसे ज्यादा नमूनों की जांच हो रही है, ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।
बेशक अब सरकार ने रात का कफर्यू लगा दिया है। सरकारी व अर्द्ध सरकारी कार्यलयों में पांच दिन का सप्ताह कर दिया है। कार्यालयों में पचास फीसद हाजिरी के अलावा कई और कदम उठा दिए हैं। अभी भी समय है कि कोविड नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए और पाबंदियों को लेकर तार्किक रुख अपनाया जाए।