मुंबई क्राइम ब्रांच ने बच्चा बेचने वाले एक गिरोह का भांडाफोड़ किया है। इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें कि एक लैब टेक्नीशियन भी शामिल है। पुलिस के मुताबिक आरोपी गरीब परिवार की उन महिलाओं से संपर्क करते थे जिन्होंने हाल ही में बच्चों को जन्म दिया हो। आरोपियों के मुताबिक एक लड़की के लिए जहां 60 हजार रुपये तो वहीं लड़के के लिए डेढ़ लाख रुपये की कीमत तय थी। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि गैंग ने इस तरह से पिछले 6 महीने में चार बच्चों को बेचा। पुलिस को शक है कि बेचे गए बच्चों की संख्या इससे भी ज्यादा हो सकती है।

शनिवार को पुलिस ने आरती सिंह, रूपाली वर्मा, रुखसार शेख, निशा अहीर, हिना खान, गीतांजलि गायकवाड़ और शाहजहां जोगिलकर और संजय पदम को गिरफ्तार किया। आरती सिंह लैब टेक्नीशियन और वर्मा एजेंट का काम करते थे जबकि खान और अहीर सब एजेंट का काम करते थे।

पुलिस ने आरोपियों से 8 मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और इसके जरिए उनके इस गिरोह के नेटवर्क को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। जिससे कि बेचे गए बच्चों और उनके परिवारों तक पहुंचा जा सके। पुलिस ने आरोपियों के फोन से व्हाट्सएप चैट और दूसरी जानकारियां भी ली हैं। पुलिस ने आरोपियों पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जूविनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

इस गिरोह का भांडाफोड़ तब हुआ जब इंस्पेक्टर योगेश चौहान और मनीष पवार को जानकारी मिली कि एक महिला ने अपनी नवजात बेटी को बेचा है। बीते गुरुवार को पुलिस ने शेख,जोगिलकर और वर्मा को धरा। इसके बाद गिरोह के लोगों ने बताया कि वह नवजात बच्चियों को 60,000 रुपये तो वहीं लड़कों को 1,50,000 रुपये में बेचा करते थे।