जेएनयू विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि इन घटनाक्रमों के लिए मोदी जिम्मेदार हैं क्योंकि वह अपनी पार्टी के उन सदस्यों पर लगाम लगाने में नाकाम रहे हैं जो भाजपा के सत्ता में आने के बाद से भड़काऊ और विभाजनकारी बयान देते आ रहे हैं। जेएनयू के छात्रों के खिलाफ कार्रवाई को ‘एकतरफा’ करार देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाब नबी आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने हिसाब से चीजें नहीं चुन सकते और उन्होंने सवाल किया कि वह भाजपा के भीतर विभाजनकारी तत्वों के साथ कड़ाई से क्यों नहीं निपटते। उन्होंने कहा, ‘‘सर्वदलीय बैठक के दौरान मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि जेएनयू में जो कुछ हो रहा है या जो हैदराबाद में हुआ उसके लिए कौन जिम्मेदार है।’’

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘मैंने उनके सामने कहा कि अगर आप इसका बुरा नहीं माने तो मैं कहना चाहता हूं कि माननीय प्रधानमंत्री इसके लिए आप और आपकी सरकार जिम्मेदार है।’’

आजाद के अनुसार उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद से मंत्री, पार्टी पदाधिकारी, सांसद और राज्यपाल ऐसे बयान जारी कर रहे हैं जिससे हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनाव बढ़ता है। कांग्रेस नेता आजाद ने कहा, ‘‘इसलिए मैंने उनको बताया कि हम संसद के भीतर और बाहर यह कहते आ रहे हैं कि आप सबका साथ, सबका विकास की बात करते हैं लेकिन अगर आपकी पार्टी के लोग, आपके राज्यपाल, आपके मंत्री और आपके सांसद विभाजनकारी बयान जारी करते हैं तो कहीं न कहीं आप इसमें शामिल हैं। परिवार के मुखिया को यह फैसला करना होता है कि किसको दंडित किया जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब आप किसी को दंडित नहीं करते हैं तो आपको इसको लेकर कोई हक नहीं है कि विश्वविद्यालय में कौन नारे लगा रहा है क्योंकि आपकी अपनी पार्टी दूसरे ढंग से इसी तरह के नारे लगाती है।’’

आजाद ने कहा कि कांग्रेस जेएनयू में नारेबाजी की निंदा करती है लेकिन सजा एकतरफा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने हिसाब से चीजें नहीं चुननी चाहिए। कांग्रेस नेता यह भी कहा कि उनकी पार्टी को भाजपा से राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ने की जरूरत नहीं है।