गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर मुख़्तार अंसारी को सजा सुनाई है। वहीं उनके भाई और गाजीपुर से सांसद रहे अफजाल अंसारी को भी 4 साल की सजा सुनाई गई है। इसके बाद अफजाल की सांसदी भी रद्द हो गई। 62 वर्षीय मुख्तार अंसारी मऊ में 2005 के सांप्रदायिक दंगों के एक मामले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद अक्टूबर 2005 से जेल में बंद हैं। इस दंगे में सात लोग मारे गए थे। मुख्तार पर आरोप है कि वह पिछले 18 वर्षों से जेल के अंदर से अपने गैंग को चला रहा है।

पांच बार विधायक बन चुका है मुख़्तार

जब 2005 में मुख़्तार को जेल भेजा गया, तब तक वे मऊ सदर से दो बार विधायक चुने जा चुके थे एक बार बसपा के टिकट पर (1996) और एक बार निर्दलीय (2002) उम्मीदवार के रूप में। वह जेल में रहते हुए मऊ सदर से विधायक निर्वाचित होते रहे। 2007 में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में, 2012 में कौमी एकता दल (QED) के टिकट पर मुख़्तार चुनाव जीता था। 2017 में भी मुख़्तार ने जीत हासिल की और 2022 में मुख्तार ने बड़े बेटे अब्बास को सीट से उतारने के लिए चुनाव नहीं लड़ा लेकिन अब्बास भी जीत गए।

यूपी पुलिस के रिकॉर्ड बताते हैं कि मुख्तार और उनके परिवार के खिलाफ 97 मामले दर्ज हैं, जिनमें अकेले उसके खिलाफ 61 मामले शामिल हैं। इनमें से 12 मामले 2019 के बाद से दर्ज किए गए हैं और इसमें हत्या का एक मामला और चार यूपी गैंगस्टर्स और एंटी सोशल एक्टिविटीज (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप हैं।

मुख़्तार के बड़े भाई अफजल अंसारी गाजीपुर से बसपा सांसद रह चुके हैं। लेकिन अब सदन द्वारा अयोग्य ठहराए गए हैं। उनके खिलाफ सात मामले थे, जिनमें से चार में उन्हें अदालतों से क्लीन चिट मिल गई थी। 29 अप्रैल को गैंगस्टर अधिनियम के तहत एक मामले में उन्हें चार साल की सजा हुई। मुख्तार के एक और बड़े भाई सिबगतुल्ला अंसारी (71) पर तीन मुकदमे दर्ज हैं। अफजाल और सिबगतुल्लाह के खिलाफ सभी मामले 2019 से पहले के हैं।

मुख़्तार की पत्नी के खिलाफ भी मामला दर्ज

मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा के खिलाफ 11, उनके बड़े बेटे 30 वर्षीय अब्बास अंसारी के खिलाफ आठ, अब्बास की पत्नी निखत बानो के खिलाफ एक, मुख्तार के छोटे बेटे उमर (25) के खिलाफ छह मामले दर्ज हैं। ये सभी 2019 से पंजीकृत हैं। उमर और अब्बास इनमें से कुछ मामलों में दोनों आरोपी हैं। अब्बास मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जेल में बंद है जबकि उमर एक हेट स्पीच मामले में फरार चल रहा है।

2017 के बाद से भाजपा सरकार ने अंसारी परिवार, उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों से संबंधित लगभग 575 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त और ध्वस्त करने का दावा किया है। सरकार ने निर्माण में अनियमितताओं का हवाला देते हुए गाजीपुर जिले में परिवार के स्वामित्व वाले एक होटल को भी ध्वस्त कर दिया है।

मुख्तार अंसारी 90 के दशक की शुरुआत में संगठित अपराध में आया। कई उच्च-मूल्य वाली सरकारी परियोजनाओं के लिए अनुबंध प्राप्त करने के इरादे से वह क्राइम की दुनिया में आया। इसके साथ ही जबरन वसूली और संरक्षण रैकेट चलाना उसने शुरू कर दिया। जल्द ही उसने अपना गिरोह शुरू कर लिया था। 90 के दशक के मध्य तक मुख्तार ने चुनावों में उतरने का फैसला किया था। 2017 तक उसने मऊ से लगातार पांच विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की, जिनमें से तीन में वह जेल में रहते हुए जीता।