राजस्थान में स्थानीय निकायों में महापौर और अध्यक्ष बनने के लिए अब पार्षद होना अनिवार्य नहीं है। किसी निकाय में पार्षद बनने की योग्यता रखने वाला व्यक्ति एफिलिएटेड बॉडी के प्रमुख पद के लिए दावेदारी कर सकता है। स्वायत्त शासन विभाग ने बुधवार (16 अक्टूबर) की रात को इस बारे में अधिसूचना जारी की। इस अधिसूचना ‘राजस्थान नगरपालिका (निर्वाचन) (चतुर्थ संशोधन) नियम 2019’ के अनुसार नगरपालिका संस्था के सिर्फ निर्वाचित सदस्य/पार्षद ही अध्यक्ष/सभापति/महापौर पद के लिए मतदान करके अपने अध्यक्ष/सभापति/महापौर को निर्वाचित कर सकेंगे।

नगर निकाय प्रमुख के लिए निर्वाचित पार्षद होना जरूरी नहीं: मामले में यह भी कहा गया है कि निर्वाचित सदस्य व नगरपालिका/परिषद/निगम क्षेत्र का कोई भी मतदाता जो सदस्य/पार्षद बनने की पात्रता रखता है। सदस्य/पार्षद बनने के लिए अयोग्य नहीं है, वह उस नगरपालिका/परिषद/निगम का अध्यक्ष/सभापति/महापौर का चुनाव लड़ सकता है। यानी नगर निकाय प्रमुख का चुनाव लड़ने के लिए जरूरी नहीं है कि वह निर्वाचित पार्षद हो।

Karwa Chauth 2019 Live Updates

स्थानीय निकाय चुनाव नंबर में होंगेः यह अधिसूचना ऐसे समय में जारी की गई है। जबकि सोमवार (14 अक्टूबर) को ही राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य में नगरीय निकायों में नगर निगम मेयर, नगर परिषद् सभापति व नगर पालिका चेयरमैन के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से ना होकर परोक्ष प्रणाली से करवाने का फैसला किया था। यानी ये चुनाव मतदाता सीधे न कर पार्षद करेंगे। उल्लेखनीय है कि राज्य में नवंबर माह में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं।

Hindi News Today, 17 October 2019 LIVE Updates: दिन भर की बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

पहल पर मिली जुली प्रतक्रियाः राज्य सरकार की इस पहल पर मिली जुली प्रतक्रिया देखने को मिली है। जानकारों के अनुसार नए नियमों में कुछ चीजें अब भी स्पष्ट नहीं हैं। मामले में स्वायत शासन व नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल इस नए मॉडल के बारे में गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन करने वाले थे जिसे बाद में स्थगित कर दिया गया।