हरियाणा के झज्जर में 76 से अधिक वीरता पदक विजेता, सेना से रिटायर्ड जवान और शहीद जवानों की विधवाओं ने जिला प्रशासन के प्रति नाराजगी जताई है। इन्होंने कहा है कि पिछले सात महीने से एनुइटी राशि नहीं मिली है। आमतौर पर इसके लाभार्थियों को हर साल मार्च में एनुइटी राशि जारी की जाती है। बताया जाता है कि इस साल कथित तौर पर कोरोना वायरस महामारी के वजह से पैदा हुए हालातों की वजह से राशि जारी नहीं की जा सकी।
परमवीर चक्र, महावीर चक्र, शौर्य चक्र, वीर चक्र, कीर्ति चक्र और सैन्य पदक विजेताओं को दिए जाने वाले प्रति लाभार्थी के लिए वीरता पुरस्कार की राशि 48,000 से 2 लाख रुपए के बीच होती है। द ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 76 लाभार्थियों को 45 लाख रुपए से अधिक की कुल एनुइटी राशि दी जानी है।
सेना से रिटायर्ड और वीर चक्र विजेता कैप्टन जय सिंह राठी ने बताया कि उन्होंने एनुइटी के लिए जिला सैनिक बोर्ड को जीवन प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज सौंपे थे, मगर अभी तक राशि जारी नहीं की गई है। उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में हमने कोविड-19 महामारी के चलते आवाज नहीं उठाई, मगर राज्य सरकार छह महीने बीत जाने के बाद भी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है।’
उन्होंने आगे कहा कि एनुइटी राशि सिर्फ एक मौद्रिक मुद्दा नहीं बल्कि ये वीरता पदक विजेता के प्रति सम्मान है। सरकार एनुइटी राशि ना जारी करके उनका अनादर कर रही है। सरकार को अब बिना देरी किए राशि करनी चाहिए।
मामले में एक अधिकारी ने नाम ना बताते हुए कहा कि वित्त विभाग के पास एनुइटी राशि से जुड़ी फाइल अटकी पड़ी रही, जिसके वजह इसमें देरी हुई। वहीं जिला सैनिक बोर्ड के वेलफेयर अधिकारी नरेश शर्मा ने कहा कि तीन अप्रैल को एनुइटी राशि के सभी बिल राज्य कार्यालय को भेज दिए गए थे। इसके बाद भी हम लगातार राशि जारी करने के लिए कार्यालय को रिमाइंडर भेजते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके लाभार्थी लगातार फोन कर हमसे इसके बारे में जानकारी मांगते रहे हैं।
उन्होंने कहा आगे कहा कि मैं निजी तौर पर खुद इस सप्ताह राज्य कार्यालय गया और अधिकारियों ने मुझे आश्वासन दिया कि राशि जल्द ही जारी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से इसमें देरी हुई है।