Ram Rath Yatra: गुरुवार (3 नवंबर) को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ निवास स्थान से भगवान श्रीराम के ‘चरण पादुका’वाले रथ ने अपनी यात्रा शुरू की है इस यात्रा का अंतिम पड़ाव नेपाल के जनकपुर में होगा। ‘श्री राम पुरुषार्थ यात्रा’ या ‘श्री राम कर्मभूमि यात्रा’ के नाम से शुरू हुई रथ अयोध्या से होकर गुजरेगी, जहां भगवान राम का जन्म स्थान है और जनकपुर जाने से पहले ये रथयात्रा बिहार के बक्सर जिले में लगभग 12 दिनों तक रुकेगी।

बक्सर को भगवान राम की कर्मभूमि माना जाता है, कहा जाता है कि यहां पर भगवान राम ने कई राक्षसों का वध किया था और यहां के तपस्वियों और ऋषियों की रक्षा की थी। जबकि जनकपुर को भगवान राम की पत्नी सीता का जन्मस्थान माना जाता है। इस ‘रथ यात्रा’ का आयोजन बक्सर स्थित श्री राम कर्मभूमि ट्रस्ट द्वारा किया गया है, जिसकी स्थापना तीन साल पहले बक्सर के बीजेपी सांसद और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने की थी।

भगवान राम की यात्रा को बनाएंगे टूरिस्ट सर्किट

इस रथयात्रा के आयोजकों ने उसी रास्ते को रथयात्रा के लिए चुना है जिस पर भगवान राम ने अयोध्या से जनकपुरी जाने के लिए बक्सर होते हुए यात्रा की थी। इस रूट को टूरिस्ट सर्किट के तौर पर विकसित करने की योजना भी बनाई जा रहा है। रथ के आगमन के उपलक्ष्य में यात्रा के संयोजक चौबे ने 7 से 15 नवंबर तक बक्सर में ‘मुझमे राम-सनातन संस्कृति समागम’ नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया है। चौबे के निजी सचिव आशुतोष ने बताया कि आठ नवंबर को होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मुख्य अतिथि होंगे।

सीएम योगी ने यात्रा को हरी झंडी दिखाने से पहले की पूजा

पुजारियों के मंत्र जाप के साथ, योगी आदित्यनाथ ने रथ को हरी झंडी दिखाने से पहले ‘चरण पादुका’ की पूजा की, जो अयोध्या में अपने पहले पड़ाव के लिए रवाना हुआ। चौबे, जो समारोह के दौरान मौजूद थे, रथ के साथ अयोध्या जाएंगे, जहां शाम को पूजा की जाएगी। आशुतोष ने इस यात्रा को लेकर द इंडियन एक्सप्रेस को जानकारी दी थी कि यह रथ रात में आजमगढ़ में रुकेगा और फिर अगले दिन बक्सर के लिए अपनी यात्रा फिर से शुरू करेगा। बक्सर में, जहां यह 6 नवंबर को पहुंचने वाला है, रथ को जिले भर के गांवों में ले जाया जाएगा ताकि लोग ‘चरण पादुका’ के प्रति लोग श्रद्धा रख सकें।

19 नवंबर को बक्सर से जनकपुर के रवाना होगी रथयात्रा

यह यात्रा 19 नवंबर को बक्सर से जनकपुर के लिए शुरू होगी। आशुतोष ने बताया कि ‘चरण पादुका’ श्रीलंका से चित्रकार, कवि और संगीतकार, बाबा सत्यनारायण मौर्य के नेतृत्व में एक टीम द्वारा लाई गई थी। माना जा रहा है कि इस टीम ने भी उसी रूट पर यात्रा की जिस रूट से भगवान राम 14 साल के वनवास के लिए निकले थेउस मार्ग से यात्रा की, जिसके बारे में माना जाता है कि भगवान राम 14 साल के वनवास के दौरान लंका पहुंचने के लिए गए थे।