समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में मची आंतरिक कलह सुलझती नजर नहीं आ रही है। भतीजे अखिलेश और चाचा शिवपाल की बीच जारी सियासत की लड़ाई सुलझने की वजाए उलझ गई है। सपा ने खुले तौर पर शिवपाल और ओपी राजभर को कह दिया है कि जहां आपको सम्मान मिले, वहीं चले जाएं।

अखिलेश यादव की चिट्ठी पर शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- ‘मैं वैसे तो सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने हेतु सहृदय धन्यवाद। राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों एवं सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है’।

सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने कहा कि हमने उनका तलाक कबूल कर लिया है। मैंने उनके नजदीक जाकर जो देखा। उसके आधार पर मैं कह सकता हूं कि अति पिछड़े और दलित की जरूरत वहां नहीं है। उन्होंने कहा कि अति पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक के नेता वहां (सपा) सिर्फ वोट दिला सकते हैं। हिस्सेदारी और भागेदारी की बात नहीं कर सकते। सपा में यह स्थिति है।

राजभर ने कहा कि 2022 के चुनाव में भी मैं अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से लड़ता रहा। राजभर ने कहा कि पहले चरण में 58 सीटों का चुनाव हुआ। मैंने कहा कि कश्यप, बिंद, निषाद, पाल, प्रजापति, केवट को टिकट दे दो। उस इलाके में बंजारा, बहेलिया रहता उसका टिकट दे दो, लेकिन नहीं दिया गया। कहा कि दूसरे चरण में देंगे। जब दूसरे चरण का चुनाव आया है फिर मैंने कहा अब, तब फिर कहा कि तीसरे चरण में देंगे फिर मैंने उनसे (अखिलेश यादव) कहा कि फिर वोट क्यों मिलेगा।

सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अगर अखिलेश यादव को प्रेम होता, पिछड़ों की हिस्सेदारी देने का मन होता तो चार-चार बार सरकार रही है। उन्होंने कहा कि हम बोलते हैं तो बुरा लगता है। नारा बोलेंगे- ‘समाजवादियों ने बांधी गांठ, पिछड़े पावें 100 में 60’।

राजभर ने सवाल किया कि अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने क्या किया? 100 में आठ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ कर अखिलेश यादव का ध्यान कहां था। क्या अखिलेश यादव ने अति पिछड़ों, अति दलित के बारे में सोचा? उन्होंने कहा कि जो अति पिछड़े और अति दलित के विषय में समाजवादी पार्टी में बात करेगा। उसकी छुट्टी कर दोगे, नहीं तेरी जरूरत नहीं है।

सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि हम अखिलेश यादव के फैसले का स्वागत करते हैं कि चलो भाई कम से कम सदबुद्धि आई कि आपने तलाक दे दिया। हम आपके तलाक को कबूल करते हैं। हम हमेशा अति पिछड़े और अति दलित की लड़ाई लड़ते रहेंगे। उनको हक-अधिकार दिलाने की कोशिश करते रहेंगे।

जब राजभर से पूछा गया कि अब आपका अगला कदम क्या होगा? इस सवाल के जवाब में राजभर ने कहा, ‘ बहुजन समाज पार्टी, हम कोशिश करेंगे कि उनसे बात हो हमारी और वहां गठजोड़ बनाने की कवायद में रहेंगे।