Ex-Union Minister RCP Singh: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने शनिवार को घोषणा की कि वह बीजेपी छोड़ देंगे और जल्द ही अपना खुद का राजनीतिक दल बनाएंगे। पटना में आरसीपी सिंह के समर्थकों ने पोस्टर लगाए हैं। इसमें टाइगर रिटर्न और टाइगर जिंदा लिखा गया है। आरसीपी सिंह ने साल 2023 में ही भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था। वह उस समय शामिल हुए थे जब बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़ दिया था।

आसीपी सिंह ने इंडिया टुडे के साथ बातचीत में कहा, ‘मैंने अपनी बीजेपी सदस्यता को रिन्यू नहीं कराया है और यह सभी को मेरे इरादों को समझना चाहिए। मैं बहुत जल्द अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाऊंगा।’ आरसीपी सिंह ने बीजेपी में उन्हें अहम जिम्मेदारी ना दिए जाने पर निराशा भी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मैंने बीजेपी के आलाकमान से कहा था कि मेरा पास राजनीतिक संगठन चलाने का लंबा एक्सपीरियंस है, इसलिए उन्हें इसका इस्तेमाल पार्टी के फायदे के लिए करना चाहिए, लेकिन बीजेपी की कार्यशैली अलग है और मैं इसकी तारीफ करता हूं।

कौन हैं आरसीपी सिंह

रामचंद्र प्रसाद सिंह आरसीपी सिंह के नाम से फेमस हैं। उनका जन्म 6 जुलाई, 1958 को बिहार के मुस्तफापुर में सुखदेव नारायण सिंह और दुखलालो देवी के घर हुआ था। उन्होंने 1979 में पटना कॉलेज से हिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया। बाद में उन्होंने 1982 में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन से मास्टर डिग्री पूरी।

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वह शुरुआत में आईआरएस में शामिल हुए और साल 1984 में उनका चयन आईएएस में हो गया। इसके बाद उन्होंने आईआरएस से इस्तीफा दे दिया। सिंह ने 2005 में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने के बाद नीतीश कुमार के प्रधान सचिव के तौर पर भी काम किया। इसके बाद, उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू में शामिल हो गए।

सिंह का कद बढ़ता गया और राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में उन्हें ‘आरसीपी सर’ का नाम दिया जाने लगा। कुछ लोग तो यहां तक ​​कहते हैं कि वे नीतीश के उसी तरह विश्वासपात्र बन गए जैसे आरके धवन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के थे। सिंह ने 2010 में आईएएस से वीआरएस ले लिया और नीतीश ने तुरंत उन्हें राज्यसभा का टिकट दे दिया। 2016 में नीतीश ने उन्हें फिर से उच्च सदन के लिए मनोनीत किया। सिंह पर नीतीश का इतना भरोसा था कि दिसंबर 2020 में जब बिहार के सीएम ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया, तो उन्होंने पार्टी की कमान सिंह को सौंप दी।