Former Union Finance Minister Arun Jaitley Dead in AIIMS: बीजेपी के सबसे अनुभवी और कद्दावर नेताओं में शुमार अरुण जेटली कई दशकों से भारतीय राजनीति में सक्रिय थे। वे अटल और मोदी सरकार में कई अहम पदों पर रहे। केंद्रीय मंत्रिमंडल में कई अहम जिम्मेदारियां निभाने वाले जेटली कभी लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाए थे। अप्रत्यक्ष करों के एकीकरण के रूप में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू करना उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में शुमार है। वे डीडीसीए (Delhi & District Cricket Association) के अध्यक्ष भी थे। 1974 में वे दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के अध्यक्ष भी बने।
मोदी-अटल सरकार में जेटली की जिम्मेदारियां: अरुण जेटली वित्त मंत्री होने के साथ-साथ कॉर्पोरेट अफेयर्स रहे। इसके अलावा वे रक्षा मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, कानून एवं न्याय मंत्री भी रहे। इसके अलावा अरुण जेटली ने अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी की सरकार में कई अहम समितियों की जिम्मेदारियां निभाईं। खराब सेहत के चलते उन्होंने पिछला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। 2014 के लोकसभा चुनाव में वे अमृतसर से चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
लालकृष्ण आडवाणी के इस्तीफे के बाद 16 जून 2009 को यूपीए सरकार के दौरान वे राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे। इसके अलावा उन्होंने महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill), तीन तलाक कानून समेत कई अहम मुद्दों पर भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
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जीएसटी सबसे बड़ी उपलब्धिः अरुण जेटली का सियासी करियर उपलब्धियों से भरा रहा है। उनकी सबसे प्रमुख उपलब्धियों में जीएसटी (Goods and Service Tax) और नोट बंदी (Demonetization) लागू करना, रेल और आम बजट का एकीकरण करना, सरकारी बैंकों का विलय, Ease of Doing Business पर उनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा।