मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के गायब होने के बाद महाराष्ट्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष में लगातार आरोप प्रत्यारोप चल रहा है। बीजेपी जहां इसके लिए शिवसेना को जिम्मेदार ठहरा रही है, वहीं कांग्रेस ने केंद्र पर भगाने का आरोप लगाया है।

बताया जा रहा है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह देश छोड़कर भाग गए हैं। क्योंकि जांच एजेंसी उन्हें कई मामलों में तलाश रही थी और उनपर गिरफ्तार की तलवार भी लटक रही। इस मामले को लेकर अब कांग्रेस और भाजपा के बीच वार-पलटवार शुरू हो गया है।

महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वेज प्रकरण हुआ, मैंने कहा था कि अगर मैं सरकार में होता, तो मैं पहले परमबीर सिंह को गिरफ्तार करता। इसका मतलब है कि केंद्र ने इस आईपीएस अधिकारी का इस्तेमाल राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए किया और इसलिए अब उन्होंने परमबीर सिंह को विदेश भागने में मदद की है।

भाजपा प्रवक्ता राम कदम ने नाना पटोले पर पलटवार करते हुए कहा कि जब परमबीर सिंह ने पत्र लिखकर 100 करोड़ रुपये की रंगदारी का आरोप को सामने लाया तो लड़ाई शुरू हो गई। अब परमबीर सिंह अपने राजनीतिक आकाओं का नाम न लें, क्या उन्हें उनके राजनीतिक अकाओं द्वारा विदेश भेज दिया गया?

महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा कि परमबीर सिंह लापता है। उन्होंने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ-साथ हम भी उन्हें तलाश कर रहे हैं”।

रूस भागने के सवाल पर दिलीप वालसे ने कहा कि मैंने कुछ ऐसा सुना है, लेकिन एक सरकारी अधिकारी के रूप में, वह सरकारी मंजूरी के बिना विदेश नहीं जा सकते। हमने लुकआउट सर्कुलर जारी किया है और यदि वह चले गए, तो यह अच्छा नहीं है।

आगे राज्य के गृहमंत्री ने कहा कि चाहे वह मंत्री, अधिकारी या मुख्यमंत्री हों, विदेश जाने की कुछ सीमाएं हैं। भारत सरकार की अनुमति के बिना कोई भी देश से बाहर नहीं जा सकता है। कोई भी इन सीमाओं को पार नहीं कर सकता है। क्या कार्रवाई की जा सकती है, इस पर केंद्र के साथ चर्चा करनी होगी। महाराष्ट्र सरकार उन्हें ढूंढ रही है और एक बार वह मिल जाए तो हम फैसला करेंगे।