यूपी बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुनील भराला ने अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का इस्तीफा मांग लिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की ऐसी परिपाटी रही है कि चुनाव परिणाम पक्ष में न आने पर कलराज मिश्र, विनय कटियार आदि ने अपने समय पर इस्तीफा दिया था।

यह सभी बात तब सामने आ ही हैं जब यूपी में बीजेपी सरकार को कोई खतरा नहीं है। लेकिन बीते लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद से ही योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इसी बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने बयानों से सरकार पर कटाक्ष किया था। ऐसे में यूपी बीजेपी का पूरा मामला पिछले कई दिनों से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी के संज्ञान में है।

सुनील भराला ने इस मामले पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “संगठन सरकार से बड़ा होता है”- श्री केशव प्रसाद मौर्य। वैसे ये पंडित दीनदयाल जी भाग ३ पर लिखा है। इस बयान पर मेरी समझ से संगठन की जिम्मेदारी भी बड़ी होती है। माननीय उप मुख्यमंत्री जी श्री केशव मौर्या जी का आशय यही रहा होगा कि हार की बड़ी ज़िम्मेदारी संगठन की ही है। इसलिए माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र चौधरी को अविलंब हार की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुआ अपने पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए। भाजपा में ऐसी परिपाटी रही है जहां तत्कालीन अध्यक्षों जैसे श्री कलराज मिश्र जी , श्री विनय कटिहार जी आदि ने इस्तीफ़े दिए थे… संगठन का असली कार्यकर्ता वो ही है जो अपनी गद्दी से पहले अपने संगठन व पार्टी के बारे में सोचे।’

पिछले कई दिनों से यूपी बीजेपी में तनातनी देखने को मिल रही है। उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के रवैया को देखते हुए उनको कई बार दिल्ली भी बुलाया गया। इस मामले को लेकर जहां विपक्ष ने बीजेपी पर खूब निशाना साधा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तो केशव मौर्य और सीएम योगी पर व्यंगात्मक टिप्पणी की है।