देश में गेहूं की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी है। गेहूं को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। जिसके बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गेहूं की खरीद को लेकर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आम जनता की थाली पर आटा माफिया’ का गैरकानूनी कब्जा हो रहा है। बुलडोजर तैयार है ना।

अखिलेश यादव ने शनिवार (14 मई) को ट्विटर पर लिखा, “गेहूं की सरकारी खरीद की जगह उद्योगपतियों को गेहूं बिकवाने के पीछे क्या भाजपा सरकार की मंशा ये है कि गरीब तक अनाज न पहुंचे। सरकार गेहूं खरीदी धांधली’ की मुनादी कब पिटवाएगी। आम जनता की थाली पर आटा माफिया’ का गैरकानूनी कब्जा हो रहा है। बुलडोजर तैयार है ना।”

गेहूं के निर्यात पर बैन: दरअसल, गेहूं की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र सरकार ने शनिवार से गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया। सरकार की ओर से कहा गया है कि देश की खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। साथ ही पड़ोसी देशों को समर्थन करने और उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए भी ऐसा करना जरूरी था। हालांकि, जरूरतमंद देशों और जिन देशों को पहले ही गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जा चुकी है, उन्हें इसका निर्यात जारी रहेगा।

गेहूं की कीमतों में जोरदार इजाफा: विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 13 मई को जारी अधिसूचना में कहा कि इस तारीख या उससे पहले जिस खेप के लिए अपरिवर्तनीय ऋण पत्र (एलओसी) जारी किए गए हैं, उनके निर्यात की अनुमति होगी। गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के चलते पूरी दुनिया में गेहूं की कीमतों में जोरदार इजाफा हुआ है। भारत में भी घरेलू स्तर पर गेहूं की कीमत बढ़ी है। कई राज्यों में सरकारी खरीद की प्रक्रिया काफी धीमी है और लक्ष्य से काफी कम गेहूं की खरीदारी हुई है।

बीजेपी पर साधा निशाना: इससे पहले भी सपा अध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि चुनाव के बाद रोजमर्रा के इस्तेमाल का हर सामान महंगा होने के कारण आम आदमी के लिए गुजर-बसर करना बेहद मुश्किल हो गया है। देश और प्रदेश की इस स्थिति से भाजपा की सरकार के गरीब और किसान हितैषी होने के झूठे दावों की पोल खुल गई है।