Lok Sabha Election 2019 में मतदान की शुरुआत के पहले से सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक का मुद्दा लगातार सुर्खियों में रहा। अब इस पर सेना के अधिकारी का भी बयान सामने आया है। नॉर्दर्न कमांड के जीओसी-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने कहा, ‘कुछ दिनों पहले डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स) ने आरटी आई (सूचना के अधिकार) के तहत पूछे गए एक सवाल का जवाब दिया था। इसमें उन्होंने कहा कि पहली सर्जिकल स्ट्राइक सितंबर 2016 में ही हुई थी।’

कांग्रेस ने किया था ये दावाः उल्लेखनीय है कि हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह समेत कांग्रेस के कई नेताओं की तरफ दावा किया गया कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में भी कई बार सर्जिकल स्ट्राइक की गई लेकिन उस दौरान इनका इस्तेमाल वोटों के लिए नहीं किया गया।

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‘राजनीतिक बयानों पर बात नहीं करूंगा’: सिंह ने कहा, ‘मैं इस संदर्भ में राजनीतिक दलों के बयानों पर नहीं जाना चाहता, उन्हें सरकार जवाब देगी। मैंने आपको वही कहा जो तथ्य है।’ उल्लेखनीय है कि पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना की तरफ से पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की गई थी। इसके बाद राजनीतिक दलों की तरफ से इस एयर स्ट्राइक के चुनावी फायदे-नुकसान पर बहस तेज हो गई। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बीजेपी ने सेना के शौर्य का इस्तेमाल वोट जुटाने के लिए किया। इसके साथ ही यह दावा भी किया गया था कि यूपीए सरकार के दौरान भी सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी।

PM मोदी ने भी किया था पलटवारः बीजेपी की तरफ से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर पलटवार किया था। उन्होंने कहा था कि यूपीए सरकार के दौरान किसी तरह की सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी रिकॉर्ड में नहीं है। बीजेपी नेताओं ने यह भी दावा किया था कि कांग्रेस के नेताओं की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक की संख्या को लेकर अलग-अलग बयान दिए गए।