देश में कोरोनावायरस के बढ़ते केसों के बीच हादसों में भी मरीजों के मरने का सिलसिला शुरू हो गया है। दिल्ली और महाराष्ट्र से शुक्रवार सुबह दो दिल दहलाने वाली घटनाएं सामने आईँ। जहां दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार 25 मरीजों की ऑक्सीजन की संभावित कमी से मौत हो गई, वहीं महाराष्ट्र के वसई में एक कोविड अस्पताल में आग लगने से 14 लोगों की जान चली गई।

गंगाराम अस्पताल में पड़ गई ऑक्सीजन की कमी: सूत्रों ने दिल्ली की घटना की जानकारी देते हुए इसके पीछे संभावित वजह ऑक्सीजन की कमी को बताया है। सर गंगाराम अस्पताल के चिकित्सा निदेशक ने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन का भंडार कुछ घंटे और चलेगा, वेंटिलेटर और बीआईपीएपी मशीनें भी प्रभावी रूप से काम नहीं कर रही हैं।

उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से बीमार अन्य 60 मरीजों की जान भी खतरे में हैं और गंभीर संकट की आशंका है। चिकित्सा निदेशक ने बताया कि अस्पताल के आईसीयू और आपात-चिकित्सा विभाग में गैर-मशीनी तरीके से वेंटिलेशन बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद केंद्र सरकार ने आनन-फानन में ऑक्सीजन ट्रक को अस्पताल पहुंचाया।

हालांकि, अस्पताल के चेयरमैन डॉ.डी.एस राणा ने कहा “यह गलत ख़बर है कि कोरोना से जितने भी मरीजों की मृत्यु हुई है वे सब ऑक्सीजन की कमी से हुई। यह पूरी तरह से गलत है, ऐसा नहीं हुआ है। हमारे ICU में पहले ऑक्सीजन दबाव कम हो गया था। उस दौरान हम लोगों ने मैनुअल तरह से ऑक्सीजन दी थी।

विरार की घटना पर सीएम ठाकरे ने दिए जांच के आदेश: वहीं महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार में शुक्रवार सुबह विजय वल्लभ कोविड केयर हॉस्पिटल में आग लग गई, जिसमें 14 मरीजों की मौत हो गई। यह जानकारी वसई विरार महानगरपालिका की ओर से दी गई। बताया गया है कि आग लगने के बाद  चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई, जिसके बाद प्रभावित मरीजों को पास के अस्पतालों में शिफ्ट किया गया।

इस घटना पर अस्पताल के अधिकारी डॉक्टर दिलीप शाह ने बताया कि हादसा गुरुवार देर रात हुआ, आईसीयू में रात करीब 3 बजे आग लग गई। इसके बाद आनन-फानन में 21 गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पताल ले जाया गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस मामले के जांच के आदेश दे दिए हैं।

बता दें कि महाराष्ट्र में ये कोरोना मरीजों के साथ इस हफ्ते में दूसरा बड़ा हादसा है। इससे पहले नासिक में कोविड-19 रोगियों के एक सरकारी अस्पताल में बुधवार को टैंकर से ऑक्सीजन के रिसाव के बाद इस गैस की आपूर्ति बाधित होने से कम से कम 24 कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी।