बिहार के मुजफ्फरपुर में पीएम मोदी को मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर खुला पत्र लिखने वाले तीन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में खुला पत्र लिखने वाले रामचंद्र गुहा, मणि रत्नम और अपर्णा सेन समेत करीब 50 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। बता दें कि देश में बढ़ रहे मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या) के मामलों पर इन लोगों ने चिंता जाहिर की है। पुलिस ने यह जानकारी दी। इसके लिए इन लोगों ने पीएम को पत्र लिख देश की हालात से अवगत कराया। यह घटना गुरुवार (03 अक्टूबर) की है।
देश और पीएस नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने का आरोपः बता दें कि स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से दो महीने पहले दायर की गई एक याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूर्य कांत तिवारी के आदेश के बाद यह प्राथमिकी दर्ज हुई है। मामले में ओझा ने कहा कि सीजेएम ने 20 अगस्त को उनकी याचिका को स्वीकार कर ली थी। इसके बाद गुरुवार (03 अक्टूबर) को सदर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज हुई है। ओझा का आरोप है कि इन हस्तियों ने देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को कथित तौर पर धूमिल किया है।
National Hindi News, 4 October 2019 LIVE Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें
Forty-nine eminent personalities, including filmmaker Aparna Sen, have written an open letter to PM Narendra Modi over alleged rise in mob lynching caseshttps://t.co/UKuttAVaKv pic.twitter.com/2y56WSJOUw
— The Indian Express (@IndianExpress) July 24, 2019
कई धाराओं में मामला दर्जः पुलिस ने बताया कि मामले में प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज की गई है। इसमें राजद्रोह, उपद्रव करने, शांति भंग करने के इरादे से धार्मिक भावनाओं को आहत करने से संबंधित धाराएं भी लगाई गईं हैं।
बड़ी हस्तियों ने की लिखा था पत्रः बता दें कि पीएम को लिखे हुए पत्र में देश की बड़ी हस्तियों के नाम भी शामिल हैं। इनमें फिल्मकार श्याम बेनेगल, गायक शुभा मुदगल, इतिहासकार रामचंद्र गुहा, बंगाली सिनेमा के जानकार सौमित्रो चटर्जी, दक्षिणी फिल्म निर्माता-अभिनेता रेवती, सामाजिक कार्यकर्ता बिनायक सेन और समाजशास्त्री आशीस नंदी भी शामिल हैं।