उत्तर प्रदेश के आगरा में रहने वाले एक शख्स की 16 वर्षीय बेटी करीब एक साल से गंभीर बीमारी से जूझ रही है। बताया जा रहा है कि उसे अप्लास्टिक एनीमिया है, जिसके चलते उसके शरीर में नए ब्लड सेल बनने बंद हो गए हैं। उसका पिता मजदूरी करता है और खराब आर्थिक स्थिति के चलते वह बेटी का इलाज नहीं करा पा रहा है। ऐसे में उसने पीएम मोदी से मदद करने की गुहार लगाई या फिर आत्महत्या करने की अनुमति मांगी। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया था कि पीएम मोदी ने उसके लिए 30 लाख रुपए जारी कर दिए हैं। हालांकि, टाइम्स ऑफ इंडिया की पड़ताल में यह दावा झूठा निकला है। पीड़ित परिवार ने 30 लाख रुपए मिलने की खबर को झूठा बताया है।
बेटी पर खर्च किए 7 लाख रुपए: आगरा में रहने वाले सुमेर सिंह ने बताया कि वह अपनी बेटी के इलाज पर करीब 7 लाख रुपए खर्च कर चुके हैं। इसके लिए उसने अपनी जमीन और मकान तक बेच डाला। डॉक्टरों के मुताबिक, उसकी बेटी को अप्लास्टिक एनीमिया है, जिसके चलते हर सप्ताह उसका ब्लड बदलना पड़ता है। वहीं, उसे बोन मैरो ट्रांसप्लांट की भी जरूरत है। ऐसे में सुमेर सिंह ने संभावित मैच के लिए उसके भाई-बहनों का टेस्ट कराया, जिन पर हजारों रुपए खर्च हो गए।
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दिल्ली में डॉक्टरों ने नहीं की मदद: सुमेर सिंह ने बताया, ‘‘मैं अपनी बेटी को इलाज के लिए दिल्ली ले गया था, लेकिन किसी भी डॉक्टर ने उसे नहीं देखा। इसके बाद मैं बेटी को लेकर जयपुर गया, जहां डॉक्टरों ने बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराने की जानकारी दी। साथ ही, इस पर 10 लाख रुपए का खर्च बताया। मैंने डॉक्टर से एस्टिमेट मांगा, जिसे किसी नेता को दिखाकर मदद मांग सकूं।’’
एटा के सांसद ने लिखा लेटर: सुमेर सिंह ने बताया कि मैं एटा के सांसद राजवीर सिंह के पास गया। उन्होंने मुझे एक पत्र दिया और दिल्ली में दिखाने के लिए कहा। उन्होंने आश्वासन दिया कि मेरी जरूरत के अनुसार मुझे रुपए मिल जाएंगे। हालांकि, अगले 15 दिन तक मुझे कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। मैं दोबारा दिल्ली गया और वहां से जयपुर। डॉक्टरों ने मुझे बताया कि इलाज के लिए और पैसों की जरूरत है। इस दौरान प्रधानमंत्री राहत कोष से मुझे कुछ मदद मिली, लेकिन वह पर्याप्त नहीं थी।
परेशान होकर पीएम मोदी को लिखा पत्र: सुमेर सिंह अपनी बेटी को पल-पल मरते देखकर परेशान हो गया। उसने पीएम मोदी को पत्र लिखकर तुरंत मदद करने की गुहार लगाई। सुमेर सिंह ने बताया कि मैंने पत्र में लिखा था, ‘‘इस तरह की जिंदगी से तो मर जाना ही बेहतर है। पीएम मोदी मेरी बेटी के इलाज के लिए तुरंत मदद करें। मैं उसे इस हालत में नहीं देख सकता हूं। अगर सरकार मेरी मदद नहीं कर सकती है तो मुझे मरने की अनुमति दी जाए।’’
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झूठा निकला पीएम से 30 लाख रुपए मिलने का दावा: मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सुमेर सिंह का पत्र मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लड़की के इलाज के लिए 30 लाख रुपए की मदद जारी कर दिए हैं। हालांकि, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में यह खबर झूठी साबित हुई है। पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्हें अब तक महज 3 लाख रुपए मिले हैं, जो सितंबर 2018 में जारी किए गए थे।