हरियाणा सरकार करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की न्यायिक जांच करवाने को तैयार हो गई है। छह घंटे तक चली बैठक के बाद किसानों और प्रशासन के बीच समझौता हो गया है। इसके बाद शनिवार को किसानों ने करनाल में चल रहा अपना धरना समाप्त करने का एलान कर दिया है।
बैठक के बाद प्रशासन ने कहा कि 28 अगस्त को बसताड़ा टोल पर हुए घटनाक्रम की जांच हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज से करवाई जाएगी। यह जांच एक माह के भीतर पूरी होगी। इस बीच, अपनी टिप्पणी के लिए विवादों में रहे आइएएस अधिकारी आयुष सिन्हा एक माह की छुट्टी पर भेज दिए गए हैं। करनाल में बीती 28 अगस्त को भाजपा की बैठक का विरोध कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया गया था। इस लाठीचार्ज से पहले करनाल के तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा का एक वीडियो चर्चित हो गया था, जिसमें वह ड्यूटी मजिस्ट्रेट होने के नाते ‘किसानों के सिर फोड़ने’ की बात कहते हुए सुनाई दे रहे थे।
तभी से किसान सिन्हा को निलंबित करने की मांग कर रहे थे। दो सितंबर को सिन्हा का तबादला करनाल के बाहर कर उन्हें नागरिक संसाधन सूचना विभाग का अतिरिक्त सचिव बना दिया गया था। सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने सात सितंबर को करनाल में महापंचायत की थी। इस महापंचायत के बाद किसानों ने करनाल के लघु सचिवालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया था। धरने के दौरान समझौते के लिए किसानों के साथ कई बार वार्ता हुई लेकिन बात नहीं बनी।
शुक्रवार की रात वरिष्ठ आइएएस देवेंद्र सिंह ने मोर्चा संभाला। करनाल के जिला उपायुक्त आइजी ममता सिंह व अन्य अधिकारियों की भारतीय किसान यूनियन के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी और अन्य नेताओं के साथ कई घंटे बैठक चली।
प्रशासन ने कहा कि प्रदेश सरकार मृतक किसान सतीश काजल के परिवार के दो सदस्यों को नौकरी देने के लिए तैयार है। नौकरी की प्रक्रिया दो सप्ताह के भीतर शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रस्ताव को संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों ने स्वीकार कर लिया है।
इस अवसर पर गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि यह किसानों के संघर्ष की जीत है। हमें उम्मीद है कि हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज द्वारा इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने इस फैसले पर अपनी सहमति दे दी है। चढूनी ने कहा कि अब अगली बैठक दिल्ली मोर्चे पर होगी। उन्होंने कहा कि पहले जिस तरह से बसताड़ा टोल पर धरना था वह जारी रहेगा। पहले की तरह भाजपा-जजपा नेताओं का घेराव जारी रहेगा।