देशभर में कोरोनावायरस महामारी से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। दूसरी लहर का प्रकोप ऐसा है कि गंभीर से गंभीर मरीजों को अस्पताल के बिस्तर और जीवनरक्षक दवाओं की आपूर्ति के लिए जूझना पड़ रहा है। यहां तक कि जीवनदायी ऑक्सीजन तक की कमी पड़ने लगी है, जिससे लगातार मरीजों की जान भी जा रही है। इस बीच गुजरात में एक घर ऐसा भी है, जहां कोरोना मरीजों को आसरा दिया जाता है। इतना ही नहीं यहां मरीजों की मुफ्त में सेवा की जाती है और उनके खाने के साथ दवाइयों का भी खर्च उठाया जाता है।
गुजरात के राजकोट में इस नेक काम को करने वाले किसान जेठसुर भाई ने लोगों की मदद के लिए अपने पूरे परिवार को मदद के लिए लगा रखा है। उन्होंने अपने तीन मंजिला इमारत को ही कोरोना मरीजों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है। मकान की पहली मंजिल पर मरीजों के लिए इंतजाम किया गया है। वहीं, दूसरी मंजिल पर मरीजों के परिजनों के रहने और उनके लिए खाना बनाने की व्यवस्था की गई है। ऊपरी यानी तीसरी मंजिर पर किसान का परिवार रह रहा है।
हौसले वाली बात यह है कि किसान का परिवार ही मरीजों और उनके परिजनों के लिए खाना बनाता है। इतना ही नहीं जिस वक्त देश में ऑक्सीजन की कमी से अफरा-तफरी मची हुई है, उस समय जेठसुर भाई अपने खर्च पर लोगों को ऑक्सीजन भी मुहैया करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक घर से 65 मरीज ठीक हो कर जा चुके हैं। अभी कुछ और मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज जारी है।
कैसे आया कोरोना पीड़ितों की मदद का ख्याल?: जेठसुर भाई का कहना है कि उनके चचेरे भाई भी ऑक्सीजन की कमी से जूझ चुके हैं। ऐसे में जब उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी तो ख्याल आया कि जो तकलीफ उनके परिवार में हुई है, वह औरों को भी हुई होगी। इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न मैं अपने घर में ही लोगों को मदद मुहैया कराऊं। जेठसुर भाई के मुताबिक, इसी के बाद उन्होंने अपने घर को कोरोना मरीजों के लिए खोल दिया।