जेएनयू कैंपस में कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगने के मामले में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार रिहा हो चुके हैं। दिल्ली सरकार की रिपोर्ट में उन्हें क्लीनचिट भी दे दी गई है। वहीं, इस मामले में अन्य आरोपी उमर खालिद के बारे में नई दिल्ली के डीएम ने अपनी रिपोर्ट सब्मिट कर दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 9 फरवरी को यूनिवर्सिटी कैंपस में हुए विवादास्पद कार्यक्रम के संदर्भ में खालिद की भूमिका की और ज्यादा जांच की जानी जरूरी है।
डीएम की रिपोर्ट 112 पन्नों की है। इसमें 21 एनेक्सचर भी हैं। डीएम संजीव कुमार ने दिल्ली सरकार को यह रिपोर्ट दाखिल की। रिपोर्ट के मुताबिक, कन्हैया के खिलाफ ‘कुछ भी प्रतिकूल’ नहीं मिला। ऐसा कोई गवाह या वीडियो नहीं मिला, जिससे उनके खिलाफ लगे आरोप सही साबित हों। हालांकि, खालिद के मामले में डीएम ने लिखा, ”उमर खालिद कई वीडियोज में नजर आता है। कश्मीर और अफजल गुरु को उसका समर्थन जगजाहिर है। वह कार्यक्रम का आयोजक भी था। उसके रोल की और ज्यादा जांच किए जाने की जरूरत है।”
रिपोर्ट में लिखा गया है कि जेएनयू की सिक्युरिटी की ओर से आपत्ति दर्ज किए जाने के बावजूद खालिद ने यह कार्यक्रम आयोजित करवाया। रिपोर्ट में लिखा है, ”कश्मीर और अफजल पर उनकी राय सबको पता है। वे डीएसयू के मेंबर हैं और पहले भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करवा चुके हैं, जो इजाजत न मिलने की वजह से कैंसल हुईं या फाइनल लगाया गया। हालांकि, किसी और से ऐसा नहीं दिखता, लेकिन कई सिक्युरिटी गार्ड्स ने इस बात की पहचान की है कि भीड़ से निकलने वाली पहली आवाज उनकी ही थी। मैं इन वीडियो फुटेज को दो से तीन गवाहों को दिखाया। यहां उनका दावा है कि पहली आवाज उमर खालिद की है। मुमकिन है कि कार्यक्रम में सबसे पहले बोलने वाले उमर खालिद थे और शुरुआती नारेबाजी उन्होंने ही की। ये नारे थे, ‘कश्मीर की जनता संघर्ष को, हम तुम्हारे साथ हैं। कश्मीर की महिलाएं संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं।”’
डीएम की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि खालिद ने जेएनयू के सुरक्षा गार्ड अमरजीत सिंह से बहस की। अमरजीत ने उन्हें बताया था कि साबरमती आश्रम पर शाम पांच बजे होने वाले कार्यक्रम को दी गई मंजूरी वाइस चांसलर ने वापस ले ली है। डीएम की रिपोर्ट के मुताबिक, खालिद ने कहा कि कार्यक्रम होकर रहेगा और वे अपने साथियों के साथ वहां पोस्टर और माइक लगाने लगे। खालिद व उनके साथियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच नोकझोक हुई। इसके बाद, 10 से 15 स्टूडेंट साबरमती आश्रम के नजदीक इकट्ठे हो गए और नारे लगाने लगे। रिपोर्ट के मुताबिक, बहुत सारे स्टूडेंट बाहर से आए थे, जिनमें कुछ कुछ कश्मीरी स्टूडेंट भी थे।
डीएम ने जिन सात वीडियोज की जांच की है, उनमें से तीन में छेड़छाड़ की बात कही गई है। छेड़छाड़ वाला एक वीडियो https://twitter.com.shilpitewari/status/70088979048964208?s=09. #sthash.b2MM7jiI.dpuf. लिंक से पोस्ट किया गया है। इस वीडियो का टाइटल है, ‘प्रूफ अगेंस्ट कन्हैया।’ रिपोर्ट के मुताबिक, डीएम ने अपनी जांच में पाया कि ‘Very shocking & Disturbing Video From JNU #Shame.mp4’ शीर्षक वाले वीडियो में भी छेड़छाड़ हुई। डीएम ने लिखा है कि एक टीवी चैनल के 38 सेकंड के क्लिप में भी छेड़छाड़ हुई है, जिसका मकसद पब्लिक को गुमराह करना है। डीएम ने अपनी रिपोर्ट में यह माना है कि कैंपस में भारत विरोधी नारे लगे थे। रिपोर्ट में लिखा है, ”जेएनयू प्रशासन ने कुछ चेहरों की पहचान की है, जो साफ तौर पर भारत विरोधी नारे लगाते सुनाई देते हैं। उनके बारे में पता लगाकर आगे जांच भी होनी चाहिए।”