Excise Policy Case: आबकारी नीति मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है। उनके अलावा, 14 और लोगों का नाम भी प्रथामिकी में दर्ज किया गया है। आबकारी अधिकारियों, शराब कंपनी के अधिकारियों, डीलरों के साथ-साथ अज्ञात अधिकारियों और निजी व्यक्तियों पर भी मामले में मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई ने एफआईआर में मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में पहला आरोपी बनाया है।
इससे पहले सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के आवास समेत 7 राज्यों में 21 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने यह कार्रवाई उस मामले में की है, जिसमें सिसोदिया और कई शीर्ष आबकारी अधिकारियों के खिलाफ हाल ही में शराब नीति को लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मामला दर्ज किया गया था।
सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि देश भर में 21 स्थानों की तलाशी ली जा रही है। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, “दिल्ली में तीन शीर्ष आबकारी अधिकारियों के परिसरों की भी तलाशी ली जा रही है।” तलाशी के दौरान सीबीआई ने एक ‘अधिकारी’ के आवास से नई आबकारी नीति से संबंधित गोपनीय आधिकारिक फाइलें (दस्तावेज) जब्त की हैं। सूत्रों का कहना है कि ये दस्तावेज इस सरकारी कर्मचारी के आवास पर नहीं होने चाहिए थे। सीबीआई उस जगह का खुलासा नहीं कर रही है जहां से ये दस्तावेज जब्त किए गए हैं। सीबीआई सिसोदिया के निजी वाहनों की भी तलाशी लेगी। एजेंसी उनको ढूंढने में लगी है।
इस कार्रवाई पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि वो सीबीआई का स्वागत करते है और जांच में पूरा सहयोग देंगे, ताकि सच पता चल सके। उन्होंने कहा, “अभी तक मुझ पर कई केस किए गए लेकिन, कुछ नहीं निकला। इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा। देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरा काम रोका नहीं जा सकता।”
बता दें कि, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित नियमों और प्रक्रिया के उल्लंघन को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, जिसमें आबकारी विभाग के प्रभारी होने के नाते सिसोदिया की भूमिका भी जांच के दायरे में आ गई थी। इसके बाद, दिल्ली सरकार ने 30 जुलाई को घोषणा की थी कि वह नई नीति को वापस ले रही है।