छत्तीसगढ़ के बालोद में पर्यावरण बचाने की मुहिम में जुटे एक्टिवस्ट वीरेंद्र सिंह गुनगुना इन दिनों चर्चा में हैं। वह पेड़ों को काटे जाने से रोकने के लिए उन पर भगवान की तस्वीरें चिपका रहे हैं। पर्यावरण एक्टिविस्ट वीरेंद्र सिंह को ग्रीन कमांडों के नाम से भी जाना जाता है। वो कहते हैं कि हमें विकास चाहिए लेकिन इसके लिए जंगलों के विनाश को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वह इन दिनों 2900 पेड़ों को कटने से बचाने की मुहिम में जुटे हुए हैं।

दरअसल बालोद जिले के अंतर्गत आने वाले दैहान तरौद से एक बाइपास रोड को प्रस्तावित किया गया है। रोड चौड़ीकरण के लिए 2900 पेड़ों को काटा जाना है। इसके विरोध में पर्यावरण प्रेमी सड़कों पर उतर आए हैं। वह पेड़ों पर भगवान की तस्वीरें लगा रहे हैं। वीरेंद्र सिंह का कहना है कि हर पेड़ में ईश्वर का वास होता है, वह हमें प्राण वायु देती है लेकिन विकास के नाम पर उन्हें ही खत्म कर रहे हैं। इससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ सकता है।

वीरेंद्र सिंह को उनकी इस मुहिम में ग्रामीणों का सहयोग भी मिल रहा है। गांव के लोग भी उनके साथ पेड़ों पर भगवान की तस्वीरें लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीरेंद्र सिंह कहते हैं कि जिस तरह से किसी जमाने में चिपको आंदोलन चलाया गया था। उसी तर्ज पर हम पेड़ों पर भगवान की तस्वीरें चिपकाकर शासन से इन्हें नहीं काटे जाने की मांग कर रहे हैं। वह कहते हैं कि एक तरफ पूरे देश ने कोरोना काल में ऑक्सीजन की किल्लत का सामना किया, बजाय पेड़ लगाने के पेड़ काटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

वीरेंद्र सिंह की इस मुहिम को सोशल मीडिया पर भी लोगों का खूब समर्थन मिल रहा है। यूजर्स ने वीरेंद्र सिंह का समर्थन करते हुए कहा कि अगर हमें पर्यावरण को बचाना है तो पेड़ काटना नहीं बल्कि उन्हें लगाना होगा।

पिछले दिनों महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में भी मेट्रो प्रोजेक्ट के नाम पर पेड़ काटे जाने पर जबरदस्त हंगामा हुआ था। कई दिनों तक चले प्रदर्शन के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ काटने पर रोक लगाई थी लेकिन तब तक बड़ी संख्या में पेड़ों को काटा जा चुका था। तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की इस मामले में खासी किरकिरी हुई थी।