प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को तलब किया है। उन्हें कल सुबह 11 बजे ईडी कार्यालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है। इसके पहले भी संजय राउत को ED ने समन जारी कर बुलाया था और उनका बयान दर्ज किया था। उनसे आखिरी बार एक जुलाई को करीब 10 घंटे तक पूछताछ की गई थी।

वहीं मंगलवार को (19 जुलाई, 2022) ईडी ने पात्रा चाल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राउत के करीबी सहयोगी सुजीत पाटकर से आज नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की।

क्या है पात्रा चाल भूमि घोटाला-
मुंबई के गोरेगांव में पात्रा चॉल स्थित है। इस घोटाले की शुरुआत तब हुई जब महाराष्ट्र सरकार ने चॉल में रहने वाले 672 किरायेदारों को फ्लैट देने के लिए सरकारी योजना बनाई थी। जिसके लिए HDIL की कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने किरायेदारों के लिए फ्लैट बनाने का ठेका दिया गया था। कंपनी को 672 फ्लैट चॉल के किरायेदारों को देकर 3000 फ्लैट महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण को हैंडओवर करने थे। आरोप है कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने ना तो चॉल में रहने वाले लोगों के फ्लैट बनाए और ना ही महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण को कोई फ्लैट सौंपा। ये कथित घोटाला कुळ 1,034 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है।

इससे पहले संजय राउत ने कहा था, “ईडी, सीबीआई या आयकर विभाग का महत्व कम हो रहा है। इससे पहले जब भी इस एजेंसी ने कोई कार्रवाई की, तो ऐसा लग रहा था कि कुछ गंभीर है, लेकिन पिछले कुछ सालों से ऐसा लग रहा है कि एजेंसी के द्वारा तब कार्रवाई होती है जब कोई राजनीतिक दल अपना गुस्सा निकाल रहा होता है।”

संजय राउत ने तब यह भी कहा था कि एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों ने हाल ही में जो विद्रोह किया था, वो केंद्रीय जांच एजेंसियों के डर से किया गया था। एक मौके पर उन्होंने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली नई सरकार को ‘ईडी सरकार’ भी करार दिया था। राउत की पत्नी वर्षा राउत से भी पीएमसी बैंक धोखाधड़ी के संबंध में पूछताछ की गई थी। इस मामले को लेकर शिवसेना ने कहा था कि बीजेपी प्रतिशोध की राजनीति कर रही है।