राजधानी दिल्ली में अब सर्दियां भी बिजली की रेकार्ड खपत की वजह बनती जा रही हैं। केवल गर्मियों में ही नहीं, बल्कि ठंड के मौसम में भी बिजली की मांग साल-दर-साल बढ़ रही है। पिछले वर्ष 2024 की भीषण गर्मी में जहां 19 जून को 8656 मेगावाट की ऐतिहासिक अधिकतम मांग दर्ज की गई थी। वहीं सर्दियों में भी खपत लगातार ऊपर जाती हुई नजर आ रही है।
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में सर्दी के मौसम में बिजली की मांग लगभग 1056 मेगावाट बढ़ी है। राजधानी में बिजली वितरण करने वाली कंपनियां बीएसईएस और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) का कहना है कि इस बार सर्दियों के दौरान बिजली की खपत 6000 मेगावाट तक पहुंच सकती है। पिछले साल इसी मौसम में यह मांग 5655 मेगावाट दर्ज की गई थी।
कंपनियों का दावा है कि चाहे मांग 6000 मेगावाट तक भी पहुंच जाए, उन्होंने निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की पूरी तैयारी कर ली है। पिछले वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 28 नवंबर 2020 को दिल्ली की बिजली खपत 3430 मेगावाट थी, जो इस वर्ष बढ़कर 4486 मेगावाट तक पहुंच गई। इसके अलावा, 28 नवंबर 2021 को 3494 मेगावाट, 2022 में 3692 मेगावाट, 2023 में 3825 मेगावाट और 2024 में 3856 मेगावाट खपत दर्ज की गई थी। ये आंकड़े साफ दिखाते हैं कि सर्दियों में बिजली की मांग हर वर्ष स्थिर रूप से बढ़ रही है।
दूसरी ओर, 20 से 27 नवंबर के बीच भी खपत में खासा उतार-चढ़ाव देखने को मिला। इस अवधि में बिजली की मांग 4027 मेगावाट से लेकर 4352 मेगावाट के बीच दर्ज की गई। जानकारों का कहना है कि ठंड बढ़ने के साथ ही शहर के लोग हीटर, गीजर और कई घरों में गर्म एवं ठंडे दोनों मौसम में काम करने वाले एसी का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं, जिससे बिजली की मांग तेजी से ऊपर जाती है।
