पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों के लिए कांटे की लड़ाई में नेशनल रजिस्टर आफ सिटीजंस (एनआरसी), बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ, नागरिकता (संशोधन) विधेयक और भ्रष्टाचार ही सबसे बड़े मुद्दे के तौर पर उभरे हैं। भाजपा इन मुद्दों के सहारे जहां बंगाल में अपनी सीटों की तादाद बढ़ाने में जुटी है वहीं मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा, संघ और कांग्रेस पर लगातार तीखे हमले कर रही हैं।
तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के तमाम नेता इनके अलावा रोजगार पैदा करने, अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण और बालाकोट हमलों का भी जिक्र कर रहे हैं। ममता अपनी तमाम रैलियों में दावे करती रही हैं कि अबकी लोकसभा चुनावों के बाद केंद्र सरकार के गठन में तृणमूल कांग्रेस की भूमिका अहम होगी। उन्होंने अबकी राज्य की सभी 42 सीटें जीतने का भी दावा किया है।
दूसरी ओर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बंगाल में अपनी तमाम रैलियों में एनआरसी लागू करने का वादा कर रहे हैं। लेकिन ममता ने साफ कर दिया है कि वे किसी भी कीमत पर इसकी अनुमति नहीं देंगी। अमित शाह हों या फिर नरेंद्र मोदी, पार्टी के तमाम शीर्ष नेता अपनी रैलियों में ममता, उनकी पार्टी और राज्य में कथित भ्रष्टाचार व गुंडाराज का मुद्दा उठाते रहे हैं। भाजपा ने ममता पर बांग्लादेशी घुसपैठियों का वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए ममता को राज्य के विकास की राह में एक स्पीडब्रेकर बताया था। उसके जवाब में ममता ने उनको एक्सपायरी बाबू का नाम दिया है। ममता का आरोप है कि नागरिकता विधेयक और एनआरसी के जरिए अपने ही देश के नागरिकों को विदेशी घोषित करने की साजिश चल रही है। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय कहते हैं कि इन चुनावों में भ्रष्टाचार, एनआरसी, घुसपैठ और राज्य में लोकतंत्र की बहाली ही पार्टी के प्रमुख मुद्दे हैं।
ध्यान रहे कि भारत-बांग्लादेश की 4096 किलोमीटर लंबी सीमा में से 2,216.7 किलोमीटर बंगाल से ही लगी है। इन इलाकों में सीमा पार से घुसपैठ होती रही है। राज्य के मतदाताओं में लगभग 30 फीसद अल्पसंख्यक हैं। 12 से 14 लोकसभा सीटों पर इनके वोट निर्णायक हैं। खासकर सीमा से लगे रायगंज, कूचबिहार, बालूरघाट, मालदा उत्तर व दक्षिण, बहरमपुर, मुर्शिदाबाद, जलपाईगुड़ी, जयनगर, बशीरहाट और बनगांव में अल्पसंख्यक आबादी ज्यादा है।
भाजपा नेता कहते रहे हैं कि बांग्लादेश से आने वाले हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता विधेयक के जरिए भारतीय नागरिकता दी जाएगी। लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने उस पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी का आरोप है कि भाजपा एनआरसी के नाम पर मुसलमानों को निशाना बना रही है।
भाजपा ने अपने चुनाव अभियान में शारदा और रोजवैली जैसे चिटफंड घोटालों का जिक्र करते हुए भ्रष्टाचार को भी मुद्दा बनाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल में अपनी एक रैली में आरोप लगाया था कि बुआ (ममता) और भतीजा (सांसद अभिषेक बनर्जी) मिल कर राज्य के संसाधनों को लूट रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष तो दावा करते हैं कि तृणमूल कांग्रेस देश में सबसे भ्रष्ट सरकार चला रही है। कांग्रेस और माकपा ने भी भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ प्रमुख मुद्दा बनाया है। लेकिन ममता का आरोप है कि इस बार कांग्रेस-भाजपा और वामदलों में मिलीभगत है। दूसरी ओर, वामदलों ने भी तृणमूल व भाजपा पर गोपनीय साठगांठ का आरोप लगाया है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि ज्यादातर सीटों पर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला होने की वजह से धार्मिक आधार पर मतदाताओं का धुव्रीकरण तेज हो गया है। इसी वजह से हर चरण के साथ प्रतिद्वंद्विता और एक-दूसरे पर हमले लगातार तेज हो रहे हैं।