Election Results 2019: कर्नाटक की कोलार सीट से बीजपी सांसद एस मुनीस्वामी पार्षद का पद नहीं छोड़ना चाहते। लोकसभा चुनाव में जीत के बाद भी उन्होंने इस पद को छोड़ने से इनकार कर दिया है। उनकी जिद्द है कि वह इस पद पर भी बने रहेंगे।
कांग्रेस के सात बार के सांसद केएच मुनीयप्पा को हराकर अपना लोहा मनवाने वाले मुनीस्वामी ने कहा है कि वह पार्षद पद पर मिलने वाले तमाम भत्तों को लेना बंद कर देंगे। ऐसा कोई नियम नहीं है कि कोई नेता सांसद बनने के बाद पार्षद पद नहीं बना रह सकता। कर्नाटक के बेंगलुरु में कडुगोडी वॉर्ड से पार्षद का कहना है कि कर्नाटक नगर निगम अधिनियम 1976 के तहत में ऐसा कोई नियम या जानकारी नहीं दी गई है कि सांसद बनने के बाद पार्षद को अपना पद से इस्तीफा देना होता है।
उन्होंने कहा ‘जब कानून में ऐसा कोई नियम ही नहीं है तो मैं पार्षद पद से इस्तीफा क्यों दूं। मैं इस पद पर बना रहूंगा हां लेकिन मुझे पार्षद के तौर पर जो भत्ता मिलता है उसे मैं लेना बंद कर दूंगा।’
हालांकि उनकी इस जिद्द पर नेताओं ने आपत्ति जाहिर की है। इस सीट से पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे नेताओं का तर्क है कि कोलार कर्नाटक का एक पिछड़ा संसदीय क्षेत्र है ऐसे में सांसद को पूरे क्षेत्र का ध्यान रखने के लिए अधिक उर्जा और समय की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में उन्हें कोलार के हित में इस पद से इस्तीफा देना चाहिए।
बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी को पार्षद रहते हुए हराने वाले मुनीस्वामी पहले ऐसा नेता हैं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को 2 लाख से ज्यादा मतों से करारी हार दी है। बीबीएमपी आयुक्त रहे पूर्व आईएएस जयराज ने इस मामले पर कहा कि यह हैरानी की बात है कि कोई पार्षद देश के सर्वोच्च सदन में काम करने के लिए चुना गया है लेकिन वह पार्षद के पद पर भी बने रहना चाहता है।

